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निवेश व धन भेजने के मामले में भारत-रूस संबंध कमजोर

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निवेश के मोर्चे पर देखें तो वित्त वर्ष 2023-24 में रूस से आने वाला और रूस को जाने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह और विदेश प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) केवल 50 लाख डॉलर था।

रूस के साथ भारत की बढ़ती निकटता निवेश प्रवाह एवं व्यापार के इतर अन्य आर्थिक मापदंडों तक पूरी तरह से कारगर नहीं हुई है। इस सप्ताह के आरंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा में साल 2030 तक 100 अरब डॉलर के वार्षिक व्यापार लक्ष्य की घोषणा शामिल थी। इसके अलावा व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करने और द्विपक्षीय व्यापार में संतुलन स्थापित करने की दिशा में काम करने की भी बात कही गई।

यूक्रेन युद्ध के बाद प्रतिबंधों के बीच अन्य आर्थिक मापदंडों में कम गति देखी गई है। निवेश के मोर्चे पर देखें तो वित्त वर्ष 2023-24 में रूस से आने वाला और रूस को जाने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह और विदेश प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) केवल 50 लाख डॉलर था। वास्तव में, साल 2022 में युद्ध शुरू होने से पहले ही रूस से इक्विटी प्रवाह में गिरावट आ रही थी। वित्त वर्ष 2024 के लिए उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार, रूस में भारतीयों के निवेश में एक साल पहले के मुकाबले 97 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है।

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