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चीनी राष्ट्रपति पर अमेरिकी नेता का तंज- जिनपिंग चले जाएंगे, दलाईलामा की विरासत जिंदा रहेगी

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प्रतिनिधिमंडल में शामिल अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी ने कहा कि तिब्बत की आजादी के मुद्दे पर हमारी सोच और समझ में स्पष्टता है।

American leader's taunt on Chinese President - Jinping will go, Dalai Lama's legacy will remain alive

अमेरिकी प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल में शामिल अमेरिकी संसद के निचले सदन (हाउस) की अध्यक्ष रहीं डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर तीखा हमला बोला। कहा, दलाई लामा की विरासत हमेशा जीवित रहेगी, लेकिन चीनी राष्ट्रपति कुछ वर्षों में चले जाएंगे। दलाई लामा अपने ज्ञान, परंपरा, करुणा, आत्मा की पवित्रता और प्रेम के संदेश के साथ लंबे समय तक जीवित रहेंगे, लेकिन जिनपिंग को कोई भी किसी भी चीज के लिए याद नहीं रखेगा।

अमेरिकी कांग्रेस में पिछले सप्ताह पारित किए गए तिब्बत समाधान अधिनियम को लेकर पेलोसी ने कहा, हम लंबे समय से इस मुद्दे पर लड़ रहे थे और दलाई लामा की आध्यात्मिकता के प्रकाश में कांग्रेस के अंदर पैंतरेबाजियों से जूझते हुए इसे पारित कराया है। इस विधेयक के पारित होने से चीनी सरकार को साफ संदेश जाता है कि तिब्बत की स्वतंत्रता के मुद्दे पर हमारी सोच पूरी तरह स्पष्ट है।
वहीं, अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष माइकल मैककॉल ने कहा कि दलाई लामा, तिब्बत के लोग और अमेरिका के लोग साफ तौर पर यह जानते हैं कि तिब्बत चीन का हिस्सा नहीं है। तिब्बती लोगों को आत्मनिर्णय का पूरा अधिकार है। उनकी एक विशिष्ट संस्कृति और धर्म है, लिहाजा उन्हें अपने धर्म का स्वतंत्रतापूर्वक पालन करने की अनुमति होनी चाहिए।

हमारा लक्ष्य दुनिया खुशी व शांति से रहे : दलाई लामा
दलाई लामा ने प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि दुनिया के लोग खुश और शांतिपूर्ण रहें, क्योंकि हम सभी एक जैसे इन्सान हैं। हम सभी के अधिकार समान हैं और यह दुनिया मानवता की है। हमें दुनिया का ख्याल रखना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म या परंपरा से ताल्लुक रखती हो।

चीन को कोई खुश नहीं कर सकता : पेनपा
केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि दुनिया में कोई भी चीन को खुश नहीं कर सकता। अमेरिकी कानून विशेष रूप से बीजिंग के उस रुख को खारिज करता है, जिसके मुताबिक तिब्बत प्राचीन काल से चीन का हिस्सा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने चीन से तिब्बत के इतिहास, तिब्बती लोगों और दलाई लामा सहित तिब्बती संस्थानों के बारे में गलत सूचना का प्रचार बंद करने का आग्रह किया है।

लोकतांत्रिक, स्वतंत्रता प्रेमी देश तिब्बत के साथ : डोलमा ग्यारी
निर्वासित तिब्बती संसद की सुरक्षा मंत्री डोलमा ग्यारी ने कहा कि यह चीन के लिए यह स्पष्ट और जोरदार संदेश है। दुनिया के स्वतंत्रता-प्रेमी राष्ट्र, शांति और न्याय को बढ़ावा देने वाले लोग, तिब्बत का समर्थन करते हैं। इसके साथ ही ग्यारी ने कहा कि अमेरिकी संसद में पारित विधेयक उनकी दशकों पुरानी मांग को मजबूत करेगा। वहीं, निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रवक्ता तेनजिन लेकशे ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही शानदार क्षण है। उच्च-स्तरीय अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने हमें अपना समर्थन देते हुए हमारे लक्ष्यों के प्रति एकजुटता को रेखांकित किया है।

वार्ता के लिए चीन पर दबाव बनाएगा अमेरिका : चीन की आपत्ति के बावजूद दलाई लामा से मिले अमेरिकी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने आश्वस्त किया कि अमेरिका चीन पर तिब्बती नेताओं से बात करने का दबाव बनाएगा। दोनों पक्षों के बीच 2010 से कोई बात नहीं हुई है। सांसदों ने यह भी कहा कि वे दलाई लामा के उत्तराधिकारी के चयन को प्रभावित नहीं करने देंगे।

तिब्बतियन पीएम बोले, आज तिब्बतियों के लिए बहुत बड़ा दिन
अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के स्वागत में बुधवार को मैक्लोडगंज के चुगलाखंग बौद्ध मठ में सम्मान समारोह हुआ। इससे पहले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दलाई लामा से मुलाकात की। करीब एक घंटे की मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने दलाई लामा के साथ कई मसलों पर चर्चा की।

निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने कहा कि आज का दिन तिब्बतियों के लिए बहुत बड़ा और भावनात्मक दिन है, क्योंकि आज यूएस प्रतिनिधि हमारे लिए सौगात लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक्ट नवंबर 2023 और फरवरी 2024 में सर्वसम्मति से यूएस सदन में पास होने के बाद सीनेट में 12 जून को पास हुआ है। यह एक्ट तिब्बतियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह चीन की दमनकारी नीतियों का जवाब है।

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