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हिंदी सिनेमा की मलिका-ए-तरन्नुम थीं सुरैया, शोहरत कमाने के बाद 34 साल की उम्र में फिल्मों से बनाई दूरी

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सुरैया का जन्म 15 जून, 1929 को पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था। हिंदी सिनेमा की मलिका-ए-तरन्नुम सुरैया अपने जमाने की मशहूर एक्ट्रेस और सिंगर में से एक थीं। फैंस के बीच दीवानगी इस कदर थी कि उनके घर के बाहर पुलिस बल तैनात करना पड़ता था।

हिंदी फिल्मों की बेहद खूबसूरत अदाकार सुरैया उर्फ सुरैया जमाल शेख अपने समय की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्री और गायिका में से एक थीं। सुरैया का जन्म 15 जून, 1929 को पंजाब के गुजरांवाला में हुआ था। हर एक्टर और डायरेक्टर फिल्मों के लिए पहली पसंद सुरैया होती थीं। सुरैया के मामा एम. जहूर हिंदी सिनेमा के फेमस विलेन हुआ करते थे। ऐसे में सुरैया का फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करना काफी आसान हो गया और अपने मामा की वजह से मलिका-ए-तरन्नुम सुरैया को फिल्म ‘उसने क्या सोचा’ में बतौर बाल कलाकार काम करने का मौका मिला था। फिल्म ‘रुस्तम सोहराब’ में गाये अपने आखिरी गीत में सुरैया ने अपनी जिंदगी की दर्दभरी दास्तां को इस तरह सुनाया है कि कोई भी सुन रो पड़ेगा।

गायिका-अभिनेत्री सुरैया ने रेडियो पर किया था काम

हिंदी फिल्मों की एक जमाने की पॉपुलर गायिका और अभिनेत्री सुरैया आज भी लोगों की यादों में जिंदा है। हिंदी सिनेमा की मलिका-ए-तरन्नुम सुरैया अपनी खूबसूरत और अदा के अलावा देव आनंद संग अपने अधूरे प्यार की वजह से भी चर्चा में रहती हैं, लेकिन उनकी यह प्रेम कहानी कभी मुकम्मल नहीं हो पाई। फैंस के बीच दीवानगी इस कदर थी कि उनके घर के बाहर पुलिस बल तैनात करना पड़ता था। एक बार तो उनका फैन घर बारात लेकर उनके पहुंच गया था। राज कपूर और मदन मोहन, सुरैया के बचपन के दोस्त थे और उनकी मदद से बचपन में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो पर बच्चों के कार्यक्रम में भाग लेना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं बच्चों के लिए गाना भी रेडियो पर गाती थीं।

सुरैया को ऐसे मिली मलिका-ए- तरन्नुम की उपाधि

भारतीय सिनेमा की गायिका और अभिनेत्री सुरैया ने अपने गानों के साथ-साथ अभिनय से भी दर्शकों का दिल जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दर्शकों का अभिनेत्री सुरैया को इतना प्यार मिल रहा था कि उन्हें ‘मलिका-ए-तरन्नुम’ के खिताब से नवाजा गया था। इतना ही नहीं अभिनेत्री के नाम से लोनवाला (पूणे) में ‘सुरैया मार्ग’ भी है। उनकी इतनी जबरदस्त पॉपुलैरिटी थी कि उनके घर के बाहर फैंस की लंबी लाइन लगी रहती थी। भीड़ इतनी ज्यादा होती थी कि ट्रैफिक जाम हो जाता था। सुरैया को मल्लिका-ए-हुस्न, मलिका-ए-तरन्नुम और मलिका-ए-अदाकारी के नाम से भी जाना जाता है।

34 साल की उम्र में फिल्मों से बनाई दूरी

1936 से 1963 तक, हिंदी सिनेमा की मलिका-ए-तरन्नुम सुरैया ने फिल्मों में काम किया था। खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली। जिंदगी के अंतिम छह महीनों सुरैया ने अपने परिवार संग बीताए थे। बता दें कि एक्ट्रेस सुरैया हाइपोग्लाइसीमिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं, जिस वजह से 31 जनवरी 2004 को 74 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। खास बात तो ये थी कि 1948 की फिल्म ‘विद्या’ में सुरैया को देव आनंद के साथ देखा गया था। इस फिल्म से सुरैया की पूरी जिंदगी बदल गई। इसी के सेट पर पहली बार उनकी देव आनंद से मुलाकात हुई थी।

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