रक्तदान को महादान कहा जाता है। गंभीर स्थितियों जैसे दुर्घटना, सर्जरी की स्थिति में रोगी की जान बचाने के लिए रक्तदान की आवश्यकता होती है। अस्पतालों की रिपोर्ट से पता चलता है कि दुर्भाग्यवश भारत में हर दिन लगभग 12,000 मरीज समय पर रक्त न मिल पाने के कारण मर जाते हैं। देश में सालाना 15 मिलियन (1.5 करोड़) यूनिट रक्त की आवश्यकता है हालांकि ब्लड डोनेशन कैंप और अन्य माध्यमों से केवल 10 मिलियन (एक करोड़) यूनिट ही प्राप्त हो पाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अगर समय रहते इस खाई को पूरा करने के इंतजाम न किए गए तो इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।
रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्तदान को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 जून को दुनियाभर में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, रक्तदान में कमी का प्रमुख कारण लोगों के मन में डोनेशन को लेकर कई प्रकार का डर और मिथक है। रक्तदान से जुड़े इन सवालों के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है।
रक्तदान करने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है।
रक्तदान को लेकर लोगों के मन में अक्सर ये सवाल रहता है कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आ जाती है? हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे गलत जानकारी बताते हैं। रक्तदान की प्रक्रिया में मुख्य रूप से लाल रक्त कोशिकाओं को निकाला जाता है जो प्राकृतिक रूप से कुछ दिनों के भीतर शरीर द्वारा फिर से उत्पादित हो जाता है। हालांकि श्वेत रक्त कोशिकाओं के स्तर को सामान्य होने में कुछ सप्ताह लग सकता है। लेकिन श्वेत रक्त कोशिकाओं में यह अस्थायी कमी प्रतिरक्षा प्रणाली की कार्यक्षमता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करती है। रक्तदान करने से कमजोरी नहीं आती है।
टैटू या पियर्सिंग वाले लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टैटू बनवाने के बाद रक्तदान करने के लिए तीन महीने की अवधि तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। लेकिन केवल तभी जब टैटू सरकारी लाइसेंस वाले टैटू पार्लर से बनवाया गया हो। जिन व्यक्तियों ने पियर्सिंग करवाई है, वे बिना किसी समस्या के रक्तदान कर सकते हैं, बशर्ते पियर्सिंग के दौरान इस्तेमाल किया गया उपकरण सिंगल यूज वाला हो। बेहतर रहता है कि आप टैटू या पियर्सिंग कराने के बाद कम से कम तीन महीने का इंतजार करें।
महिलाएं नहीं कर सकती हैं रक्तदान
रक्तदान कोई भी कर सकता है, महिला हो या पुरुष। हालांकि यदि महिला के हीमोग्लोबिन स्तर कम हो या वे एनीमिया से पीड़ित हों तो ऐसी स्थिति में रक्तदान करने को उपयुक्त नहीं माना जाता है। रक्तदान करने के लिए डोनर के पास प्रति डेसीलिीर 12.5 ग्राम हीमोग्लोबिन होना चाहिए, इससे कम होने पर वे अयोग्य हो जाते हैं। अगर आप स्वस्थ हैं और शरीर में रक्त की मात्रा ठीक है तो आप रक्तदान कर सकते हैं।
साल में सिर्फ एक बार ही रक्तदान कर सकते हैं
यह सच नहीं है। रक्तदान के बाद ब्लड सेल्स की पूर्ति होने में 8 सप्ताह तक का समय लगता है। इसके बाद फिर से रक्तदान करना सुरक्षित होता है। अमेरिकन रेड क्रॉस सलाह देता है कि कोई भी व्यक्ति हर 56 दिन में रक्तदान कर सकता है। एक साल में तीन से चार बार रक्तदान किया जा सकता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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