RBI के लाभांश से वित्त वर्ष 2025 में भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 फीसदी तक रखने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकेगी।
फिच रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि अगर टिकाऊ राजस्व बढ़ाने वाले सुधारों के कारण घाटे में कमी जारी रहती है तो यह मध्यावधि के हिसाब से भारत की सॉवरिन रेटिंग के बुनियादी सिद्धांतों के लिए सकारात्मक रहेगा।
रेटिंग एजेंसी ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये लाभांश देने का ऐलान किया है, जो उम्मीद से कहीं ज्यादा है।
फिच रेटिंग्स ने एक बयान में कहा है कि इस लाभांश से वित्त वर्ष 2025 में भारत का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 5.1 फीसदी तक रखने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सकेगी और इसका इस्तेमाल मौजूदा लक्ष्य से ज्यादा घाटे को कम करने के लिए किया जा सकता है।
फिच रेटिंग्स ने कहा है कि चुनाव के बाद के पूर्ण बजट में नई सरकार के पास दो विकल्प होंगे। सरकार वित्त वर्ष 2025 के लिए मौजूदा राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बनाए रख सकती है और अप्रत्याशित रूप से मिले धन का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने में कर सकती है। इससे अचानक आए किसी खर्च या विनिवेश जैसे मदों से उम्मीद से कम धन आने की भरपाई भी हो सकती है।