CII- IGBC ने यह उम्मीद जताते हुए आगाह किया है कि इसके लिए भारतीय उद्योग को स्थिरता बनाए रखते हुए प्रतिस्पर्धी बने रहना होगा।
चल रहे आम चुनाव के बाद निजी पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी आने की संभावना है। उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई)- इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने यह उम्मीद जताते हुए आगाह किया है कि इसके लिए भारतीय उद्योग को स्थिरता बनाए रखते हुए प्रतिस्पर्धी बने रहना होगा।
अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए बहुराष्ट्रीय और घरेलू दोनों ही कंपनियों को अपने कार्बन उत्सर्जन को घटाना होगा और हरित गतिविधियां अपनानी होंगी। सीआईआई-आईजीबीसी के नव नियुक्त राष्ट्रीय चेयरमैन बी त्यागराजन ने कहा कि इसके लिए तकनीक, बुनियादी ढांचे और कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर धन खर्च करना होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों के लिए बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा, ‘नई सरकार की शीर्ष प्राथमिकता आर्थिक वृद्धि और पर्यावरण की सततता के बीच संतुलन बनाए रखने पर होनी चाहिए। हरित बुनियादी ढांचा, अक्षय ऊर्जा की स्वीकार्यता को प्रोत्साहित करने और उद्योगों के बीच सतत गतिविधियों को प्रोत्साहित करने को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनानी होंगी।’
इसके अलावा हरित गतिविधियों की ओर बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि पर्यावरण संबंधी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के साथ नियामकीय कठिनाइयां दूर हों।