महाकुंभ और श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद यह पहला मौका होगा, जब 127 संप्रदाय और 13 अखाड़े (सात संन्यासी, तीन वैरागी और तीन सिख अखाड़े) एक मंच पर मौजूद होंगे।
सरयू का किनारा पहली बार शैव, शाक्त और वैष्णव के महामिलन का साक्षी बनेगा। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चार हजार से अधिक संत, महंत, श्रीमहंत और महामंडलेश्वर शामिल होंगे। महाकुंभ और श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद यह पहला मौका होगा, जब 127 संप्रदाय और 13 अखाड़े (सात संन्यासी, तीन वैरागी और तीन सिख अखाड़े) एक मंच पर मौजूद होंगे।