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द एशिया में हृदय रोगों के खिलाफ डब्ल्यूएचओ की सीहर्ट्स पहल शुरू, दिल की बीमारियों का दायरा रोकने की पहल

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हृदय रोग के जिम्मेदार तंबाकू-शराब का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार, उच्च रक्तचाप और मधुमेह हैं। दक्षिण एशिया में करीब 29 फीसदी लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। यहां आबादी रोज आठ ग्राम नमक का सेवन कर रही है, डब्ल्यूएचओ के अनुशंसित स्तर प्रतिदिन पांच ग्राम से कहीं अधिक है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हृदय रोग कम करने के लिए दक्षिण एशिया में सीहर्ट्स पहल शुरू की है। विश्व हृदय दिवस पर शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सरकार, जनता, संस्थाओं के एकीकृत प्रयास से दिल की बीमारियों का दायरा बढ़ने से रोका जा सकता है।उन्होंने बताया, भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है। इन देशों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित गैरसंचारी रोगों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इसे जल्द नियंत्रण में लाना जरूरी है। इन देशों में सीहर्ट्स पहल एक ही मंच पर आकर गैरसंचारी रोगों को नियंत्रण में लाने पर काम करेगी। प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में राजनीतिक इच्छाशक्ति और निवेश से बीमारियों का बोझ कम किया जा सकता है। लाखों जिंदगियों को हम हर साल बचा सकते हैं।डॉ. खेत्रपाल ने बताया कि दक्षिण एशियाई देशों में हर साल 39 लाख से ज्यादा लोगों की हृदय रोग से मौत हो रही है। यह गैरसंचारी रोगों से सालाना होने वाली मौतों का करीब 25 फीसदी है। डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य 2030 तक सदस्य देशों में गैरसंचारी रोगों से होने वाली मौतों में 30 प्रतिशत की कमी लाने का है।

तंबाकू-शराब का सेवन व ज्यादा नमक जिम्मेदार
हृदय रोग के जिम्मेदार तंबाकू-शराब का सेवन, अस्वास्थ्यकर आहार, उच्च रक्तचाप और मधुमेह हैं। दक्षिण एशिया में करीब 29 फीसदी लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। यहां आबादी रोज आठ ग्राम नमक का सेवन कर रही है, डब्ल्यूएचओ के अनुशंसित स्तर प्रतिदिन पांच ग्राम से कहीं अधिक है। करीब 24 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं और बीमारी से अनजान भी हैं। वहीं एक करोड़ से ज्यादा लोग मधुमेह की चपेट में हैं।

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