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यूक्रेन के जिन इलाकों पर रूस का कब्जा, वो मॉस्को के साथ मिलना चाहते हैं, राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा दावा

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पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि फरवरी 2022 में रूसी कार्रवाई ने यूक्रेनी लोगों को कीव के राष्ट्रवादी नेताओं से बचाया, जिन्होंने उनके खिलाफ गृह युद्ध छेड़ रखा था।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि रूस द्वारा कब्जाए गए यूक्रेनी इलाकों के लोग, रूस के साथ मिलना चाहते हैं। हालिया स्थानीय चुनाव से यह साफ हो गया है। पुतिन ने बीते साल इन इलाकों में हुए जनमत का भी हवाला दिया। हालांकि उन जनमत को पश्चिमी देशों ने अवैध करार दिया था। रूस द्वारा यूक्रेन के चार इलाकों को अपने देश का हिस्सा बनाने के पुतिन के एलान के एक साल पूरा होने पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक वीडियो संदेश जारी किया।

पुतिन का दावा- रूसी आक्रमण ने लोगों को बचाया
वीडियो संदेश में पुतिन ने कहा कि रूस में शामिल होने का विकल्प इस महीने के स्थानीय चुनाव से मजबूत हुआ है, जिनमें उन लोगों को जीत मिली है, जो रूस के समर्थक हैं। जनमत के एक साल के बाद ही लोगों ने एक बार फिर रूस में शामिल होने की इच्छा जाहिर की है और उन लोगों का समर्थन किया है जो अपनी मेहनत से लोगों का विश्वास जीते हैं। पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि फरवरी 2022 में रूसी कार्रवाई ने यूक्रेनी लोगों को कीव के राष्ट्रवादी नेताओं से बचाया, जिन्होंने उनके खिलाफ गृह युद्ध छेड़ रखा था।

इन इलाकों पर है रूस का कब्जा
बता दें कि 30 सितंबर 2022 को यूक्रेन के चार इलाकों डोनेस्क, लुहांस्क, खेरसान और जेपोरेजिया को जनमत के बाद रूस के साथ मिला लिया गया था। रूस ने दावा किया था कि जनमत में उन्हें लोगों का जोरदार समर्थन मिला है। हालांकि पश्चिमी देशों ने इस जनतम को नकार दिया था और इसे गैरकानूनी करार दिया था। बता दें कि रूसी सेनाओं का अभी भी इन चारों इलाकों में पूरी तरह से नियंत्रण नहीं है और यूक्रेनी सेना, पश्चिमी देशों की मदद से लड़ रही है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है।

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