कनाडा को तब धक्का लगा जब ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड के बाद बाद अमेरिका ने विवाद से दूरी बना ली। कनाडा की रणनीति थी कि उसके दबाव के बाद आई फाईव देश भारत को निज्जर की हत्या की निंदा के लिए मजबूर करेंगे।
कनाडा मामले में कनाडा से जारी कूटनीतिक तनातनी के बीच भारत ने पश्चिमी देशों को कड़ा संदेश दे दिया है। संदेश यह है कि भारत अपनी संप्रभुता के मुद्दे पर रत्ती भर भी समझौता नहीं करेगा। भारत की इस आक्रामक कूटनीति का परिणाम तब सामने आया जब विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन के बीच हुई बातचीत के बाद आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक जंग के बावजूद इससे जुड़े सवाल पर दोनों पक्षों ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके उलट कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत से बेहतर द्विपक्षीय रिश्ते की वकालत की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि जयशंकर और ब्लिंकन के बीच हुई बातचीत में निज्जर हत्याकांड का मामला नहीं उठा। बैठक में इस मसले पर बातचीत हुई। जयशंकर ने कनाडा में भारतीय राजनयिकों को हो रही परेशानी का मामला उठा
आक्रामक रणनीति का फैसला
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के मामले में भारत के रुख में बड़ा बदलाव हुआ है। विभिन्न कारणों से पश्चिमी देशों को भारत की जरूरत है। भारत अपनी नई भूमिका तय कर रहा है। कनाडा विवाद से पहले पश्चिमी देशों की परवाह नहीं करते हुए भारत ने रूस से तेल और गैस का आयात जारी रखा। आक्रामक रुख की कूटनीति का यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा।
किसी कीमत पर पीछे नहीं हटने का दिया संदेश
सरकारी सूत्र ने कहा कि इस विवाद के बाद ही भारत ने कूटनीतिक मोर्चे पर आक्रमण को अपना हथियार बनाया। खालिस्तानी संपर्क वाले लोगों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की। भारत के राजनयिक को हटाने का जवाब कनाडा के राजनयिक को हटाने से दिया। कनाडा के नागरिकों के भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया। इन निर्णयों के जरिए कनाडा को संदेश दिया गया कि भारत किसी दबाव में नहीं आएगा।
यहां मिली सफलता
इस मोर्चे पर भारत को मिली सफलता का संदेश जयंशकर और ब्लिंकन वार्ता के बाद मिला। दोनों ने विवाद पर टिप्पणी करने से खुद को दूर रखा। बाद में एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा, मैं वास्तव में ऐसी स्थिति में हूं जहां मेरे राजनयिक कनाडा में दूतावास जाने में असुरक्षित हैं।