कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच रूस भारत को महंगा तेल बेच रहा है। इस समय यह पश्चिमी देशों को 60 डॉलर प्रति बैरल पर बेच रहा है जबकि भारत को 30% महंगे यानी 80 डॉलर प्रति बैरल पर बेच रहा है। कारोबारियों के मुताबिक, वैश्विक तेल बाजार में आपूर्ति कम होने व कीमतें बढ़ने से रूस निर्यात का फायदा उठा रहा है।
विश्लेषकों के मुताबिक, यही स्थिति रही तो देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। यह लंबे समय से स्थिर बनी हुई हैं। जब भारत सस्ते में रूस से तेल खरीद रहा था, तब भी खुदरा बाजारों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये के आस-पास थीं, और अब जब कच्चा तेल महंगा हो गया है, तब भी यह उसी भाव पर स्थिर है।
कार्गो की लोडिंग 80 डॉलर प्रति बैरल पर
कारोबारियों का कहना है कि अक्तूबर की जो तेल की इस समय कार्गो लोडिंग हो रही है, वह 80 डॉलर प्रति बैरल पर हो रही है। रूस में कच्चे तेल का भंडार कम हो गया है। उत्पादन में भी कटौती की गई है। सूत्रों के मुताबिक, कटौती से भारतीय बंदरगाहों पर यूराल के लिए छूट कम होकर 4-5 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।
अब बैंक और डाकघरों में भी मिलेगा एनपीएस
न्यू पेंशन सिस्टम में निवेश आसान होगा। लोगों को नए पेंशन उत्पाद सभी बैंक शाखाओं व डाकघरों में भी मिलेंगे। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन दीपक मोहंती ने बताया कि इन्हें जल्द सभी बैंकों में उपलब्ध कराने की योजना है। हालांकि, कुछ बैंक शाखाओं में यह अब भी मिल रहे हैं। मोहंती के मुताबिक, एनपीएस वितरण के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और बैंक प्रतिनिधियों को जोड़ा है। इससे गांवों व छोटे कस्बों के लोग भी योजना का लाभ ले सकेंगे।
13 लाख नए सदस्य जोड़ेंगे
मोहंती ने बताया, चालू वित्त वर्ष में निजी क्षेत्र से न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत 13 लाख सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य है। पिछले वित्त वर्ष में 10 लाख सदस्य जोड़े थे। इस साल 16 सितंबर तक एनपीएस से जुड़े लोगों की संख्या 1.36 करोड़ थी। अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की संख्या 5 करोड़ है।
अदाणी समूह ने बेचे 37,000 करोड़ के शेयर
अदाणी समूह के प्रमोटरों ने इस साल जनवरी से लेकर जून तक 37,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल 87,000 करोड़ के शेयर विभिन्न कंपनियों के प्रमोटरों ने बेचे हैं जिनमें से 40 फीसदी अदाणी समूह ने बेचा है।
बीएसई पर सूचीबद्ध होगी विवा ट्रेडकॉम
विवा ट्रेडकॉम बीएसई एसएमई पर सूचीबद्ध होगी। कंपनी आईपीओ में 51 रुपये प्रति शेयर के भाव से 7.99 करोड़ जुटाएगी। यह कपड़े और गारमेंट के निर्माण और कारोबार से जुड़ी है। 2,000 शेयरों के लिए आवेदन किया जा सकता है।
एनएसई के निवेशकों की संख्या 8 करोड़ पार
एनएसई पर पिछले 8 माह में एक करोड़ नए निवेशक जुड़े हैं। इसके साथ ही कुल निवेशकों की संख्या 8 करोड़ के पार हो गई है। एनएसई ने कहा कि बड़े शहरों के अलावा छोटे शहरों के भी निवेशक तेजी से बाजार में आ रहे हैं।
खनिज उत्पादन में 10.7% वृद्धि
भारत का खनिज उत्पादन इस साल जुलाई में सालाना आधार पर 10.7 फीसदी बढ़ गया। भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई, 2023 के लिए खनन व उत्खनन क्षेत्र का खनिज उत्पादन सूचकांक 111.9 पर रहा। एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में यह 10.7 फीसदी अधिक है।
चालू वित्त वर्ष में 13.5% रह सकती है कर्ज की वृद्धि
चालू वित्त वर्ष में कर्ज की वृद्धि दर 13-13.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में यह मामूली सुधरकर 13.5-14 फीसदी रह सकती है। क्रिसिल ने कहा, कुल कर्ज में थोक ऋण का हिस्सा 60 फीसदी है। हालांकि, यह 2022-23 में एक दशक के उच्च स्तर 15% से घटकर 11-11.5% पर आ गया है।
यस सिक्योरिटीज पर पांच लाख जुर्माना
ग्राहकों के नेटवर्थ और मार्जिन की गलत जानकारी देने के मामले में सेबी ने यस सिक्योरिटीज पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस रकम को 45 दिनों में देना होगा। सेबी, एनएसई, बीएसई और एमसीएक्स ने सूचना मिलने पर संयुक्त रूप से यस सिक्योरिटीज की जांच की थी।
आईसीआईसीआई लोंबार्ड को 1,729 करोड़ का जीएसटी भुगतान नोटिस
जीएसटी इंटेलिजेंस इन दिनों कंपनियों को जमकर टैक्स नोटिस भेज रहा है। बीमा कंपनी आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने जुलाई 2017 से मार्च 2022 तक टैक्स का कथित भुगतान न करने पर 1,728.9 करोड़ का टैक्स और कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय के पुणे जोन ने आईसीआईसीआई लोंबार्ड को जो नोटिस भेजा है, वह को-इंश्योरेंस प्रीमियम और री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी भुगतान न करने से जुड़ा है। कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया कि वह कानूनी सलाहकार से सलाह के आधार पर नोटिस का उचित जवाब देगी।