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‘पार्टी के बचाव के लिए जेडीएस ने भाजपा से किया गठबंधन’, आखिर क्यों आया एचडी देवगौड़ा का ऐसा बयान?

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गौड़ा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसी को डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि 50 साल के राजनीतिक संघर्ष में उन्होंने इस पार्टी के किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने दिया है।

Karnataka  Deve Gowda on jds bjp alliance says it is to save his party

कर्नाटक में जनता दल (सेक्यूलर) ने बीजेपी के साथ गठबंध कर लिया है। पार्टी ने पिछले शुक्रवार को ही भाजपा का दामन थाम लिया था। इस नए गठजोड़ पर बुधवार को अब जडीएस चीफ एचडी देवगौड़ा ने बात की।

उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन के फैसले का बचाव किया और कहा कि इसका उद्देश्य पार्टी को बचाना था, और आश्वासन दिया कि वह और उनका राजनीतिक संगठन अपनी धर्मनिरपेक्ष साख पर कायम रहेंगे और कभी भी अल्पसंख्यकों को निराश नहीं करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट करने की मांग की कि जद (एस) सत्ता की भूखी नहीं है और अवसरवादी राजनीति नहीं करती है।

बैठक के बाद लिया था फैसला
जेडीएस ने शुक्रवार को नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अपने नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (गौड़ा के बेटे) की बैठक के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि हमने (जेडीएस) कभी भी अपनी धर्मनिरपेक्ष साख को थोड़ा भी कम करके राजनीति नहीं की है और भविष्य में भी ऐसा करने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं यह बहुत स्पष्ट रूप से कह रहा हूं। कुमारस्वामी के बीजेपी नेताओं से मिलने से पहले, मैंने केंद्रीय गृह  मंत्री (अमित शाह), से मुलाकात की थी। इसमें छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, और उनसे कर्नाटक की राजनीति की स्थिति पर विस्तार से बात की थी।

गौड़ा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसी को डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि 50 साल के राजनीतिक संघर्ष में उन्होंने इस पार्टी के किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने दिया है।

निर्णय से पहले किया था परामर्श
उन्होंने कहा कि शाह को कर्नाटक में राजनीतिक स्थिति समझाने के बाद, मैंने उनसे कहा कि मैं अपने बेटे को भेजूंगा, जो पार्टी का नेतृत्व कर रहा है। निर्णय लेने से पहले भी, हमारी पार्टी के सभी 19 विधायकों, 8 एमएलसी और पराजित उम्मीदवारों से परामर्श किया गया था।

इस चर्चा के बाद उनकी राय है कि हमें अब भाजपा के साथ समझौता करने के बारे में सोचना चाहिए। वहीं कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन का फैसला पार्टी को बचाने, देश में राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए और कर्नाटक के हितों की रक्षा के लिए लिया गया है।

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