फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अगले कुछ घंटों में नाइजर से अपने राजदूत को वापस बुला लेंगे। विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के अंत तक फ्रांस नाइजर से अपनी सैन्य टुकड़ी भी पूरी तरह से हटा लेगा।
फ्रांस और नाइजर की सैन्य सरकार के बीच खींचतान लगातार जारी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को घोषणा की है कि वह कुछ घंटों में ही नाइजर से फ्रांसीसी राजदूत को वापस बुला लेंगे। हाल ही में, मैक्रों ने कहा था कि फ्रांसीसी राजदूत सहित अन्य राजनयिकों को नाइजर सैनिकों ने दूतावास में ही बंधक बना लिया है।फ्रांस में एक साक्षात्कार के दौरान रविवार को राष्ट्रपति मैक्रों ने बताया कि वह उन्होंने नाइजर से अपने राजदूत सिल्वेन इट्टे को वापस बुलाने का फैसला किया है। अगले कुछ घंटों में ही हमारे कई राजनयिक अपने वतन लौट आएंगे। नाइजर में अब हमारा सैन्य सहयोग खत्म हो चुका है। अब फ्रांसीसी सैनिकों की वहां आवश्यकता नहीं है। इसलिए साल के अंत तक हम अपने सैन्य दल को भी वापस बुलाएंगे। साक्षात्कार के दौरान मैक्रों ने बताया कि नाइजर के राष्ट्रपति बजौम को सैन्य तख्तापलट के बाद से ही बंधक बना लिया गया है। हम वहां सुधार लाने के लिए साहसी कदम उठा रहे थे। मैं नाइजर के लिए असल में परेशान हूं।
नाइजर सैनिकों ने बना लिया था बंधक
राष्ट्रपति मैक्रों ने हाल में ही बताया था कि नाइजर सैनिकों ने फ्रांसीसी दूतावास में फ्रांस के राजदूत और राजनयिकों को बंधक बना लिया है। मैक्रों ने कहा था कि राजदूत तक भोजन पहुंचाने से भी रोका जा रहा है। हमारे राजदूत सैन्य शासन से मिलने वाले राशन खा रहे हैं। फ्रांसीसी राजदूत सहित अन्य राजनयिकों को वापस लाने के सवाल पर मैक्रों ने कहा था कि हम जल्द ही राजदूतों को स्वेदश लाएंगे। इस पर काम जारी है। वे नाइजर में वैध प्राधिकारी है। मैं हर दिन उनसे बात करता हूं।
नाइजर-फ्रांस के बीच इसलिए यह विवाद
दरअसल, हाल ही में नाइजर में हुए तख्तापलट के बाद से नाइजर सरकार और फ्रांस के बीच खीचतान जारी है। क्योंकि, फ्रांस अपदस्थ और पूर्व राष्ट्रपति बजौम का समर्थन कर रहा है। बता दें, नाइजर सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति बजौम को बंधक बना लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नाइजर सैनिकों ने तख्तापलट के बाद इट्टे को जल्द देश छोड़ने का आदेश सुनाया था। हालांकि, बाद में नाइजर ने इट्टे का वीजा रद्द कर दिया था।