उच्च रक्तचाप से पीड़ित हर पांच में से चार को उचित इलाज नहीं मिलता। दुनिया भर में तीन में से एक वयस्क इससे प्रभावित है। उच्च रक्तचाप सामान्य तकलीफों के साथ स्ट्रोक, दिल का दौरा, हार्ट फेल सहित अन्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार है।
दुनिया भर में 1.3 अरब लोगों को उच्च रक्तचाप की शिकायत है। इनमें तीन-चौथाई से अधिक मध्यम आय वाले देश और परिवारों से हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक यदि वक्त पर प्रभावी इलाज शुरू कर दिया जाए तो 2050 तक 7.6 करोड़ मौतों, 12 करोड़ स्ट्रोक, 7.9 करोड़ दिल के दौरे और हृदय गति रुकने के 1.7 करोड़ मामलों को रोका जा सकता है। जिन लोगों में उच्च रक्तचाप की वंशानुगत प्रवृत्ति होती है उनमें मोटापा, निष्क्रिय जीवनशैली, तनाव, धूम्रपान, अल्कोहल और आहार में सोडियम (नमक) की अत्यधिक मात्रा, मर्ज को बढ़ाते हैं। अधिकांश लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने उच्च रक्तचाप के विनाशकारी प्रभाव पर पहली बार रिपोर्ट जारी की है।
पांच में से चार को नहीं मिलता सही इलाज
रिपोर्ट के अनुसार, उच्च रक्तचाप से पीड़ित हर पांच में से चार को उचित इलाज नहीं मिलता। दुनिया भर में तीन में से एक वयस्क इससे प्रभावित है। उच्च रक्तचाप सामान्य तकलीफों के साथ स्ट्रोक, दिल का दौरा, हार्ट फेल सहित अन्य समस्याओं के लिए जिम्मेदार है। उच्च रक्तचाप के पीड़ित लोगों की संख्या 1990 से 2019 के बीच दोगुनी हो गई है। 1990 में दुनिया भर में उच्च रक्त चाप से पीड़ित लोगों की संख्या 65 करोड़ थी जो 2019 तक 1.3 अरब पहुंच गई।
अधिक नमक वाला भोजन भी हानिकारक
अधिक नमक वाला भोजन, शारीरिक रूप से सक्रिय न होना और बहुत अधिक शराब पीने, और नींद की कमी जैसे कारण भी उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ा सकते हैं। जीवनशैली में बदलाव जैसे स्वस्थ आहार, तंबाकू छोड़ना और अधिक सक्रिय रहना रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। कुछ लोगों को उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है।