मंत्रालय का कहना है कि यह भारतीय मेडिकल कॉलेजों और पेशेवरों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देगा। साथ ही चिकित्सा शिक्षकों और संस्थानों के बीच गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि डब्ल्यूएफएमई मान्यता भारतीय चिकित्सा स्नातकों को अन्य देशों में स्नातकोत्तर करने और अभ्यास करने में सक्षम बनाएगी, जहां इसकी आवश्यकता होती है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इस मान्यता की जरूरत पड़ती है। मंत्रालय का कहना है कि यह भारतीय मेडिकल कॉलेजों और पेशेवरों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता देगा। साथ ही चिकित्सा शिक्षकों और संस्थानों के बीच गुणवत्ता संस्कृति को बढ़ावा देगा। संगठन द्वारा एनएमसी को मान्यता प्रदान करने के साथ ही सभी भारतीय छात्र विदेशी चिकित्सा शिक्षा और संयुक्त राज्य चिकित्सा लाइसेंस परीक्षा के लिए आवेदन करने के पात्र हो गए हैं। एनएमसी में एथिक्स एवं मेडिकल रजिस्ट्रेशन बोर्ड के सदस्य डॉ. योगेंद्र मलिक ने कहा कि मान्यता मिलना एक बहुत बड़ी कामयाबी है।
यह सम्मान हमारे छात्रों को दुनिया में कहीं भी अपने करियर को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा। साथ ही वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मानक होने के कारण भारत को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक आकर्षक गंतव्य भी बनाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेडिकल एजुकेशन (डब्ल्यूएफएमई) एक वैश्विक संगठन है जो पूरी दुनिया में चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इस संगठन द्वारा प्रदान की गई मान्यता यह सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है कि कोई भी चिकित्सा संस्थान शिक्षा और प्रशिक्षण के उच्चतम अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं और उसे बनाए रखते हैं।