तमिलनाडु सीएम ने कहा कि संबंधित राज्यों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की शक्ति राज्य सरकार को दी जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरक्षण नीति को ठीक से लागू न करने का आरोप लगाया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला किया है। उन्होंने रोजगार और शिक्षा में 50 प्रतिशत तक आरक्षण सीमित करने का विरोध किया है। स्टालिन ने मांग की है कि संबंधित राज्यों को ही कोटा तय करने की अनुमति दी जानी चाहिए। सीएम स्टालिन मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में अधिकतम 69 प्रतिशत आरक्षण है। इसे 50 प्रतिशत तक सीमित नहीं किया जा सकता।
मोहन भागवत पर भी साधा निशाना
तमिलनाडु सीएम ने कहा कि संबंधित राज्यों को जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देने की शक्ति राज्य सरकार को दी जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरक्षण नीति को ठीक से लागू न करने का आरोप लगाया है। स्टालिन ने कहा कि 50 प्रतिशत तक आरक्षण देने का यह निर्णय बिल्कुल गलत है। स्टालिन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस कहां था जब प्रधानमंत्री वीपी सिंह को हटा दिया गया था। अब जैसे ही लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं तो मोहन भागवत हाशिये पर खड़े वर्गों को आरक्षण देने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा असल में नहीं चाहती कि गरीब, बीसी, एससी और आदिवासी प्रगति करें।
स्टालिन ने कार्यक्रम में कहा कि स्वर्गीय नेता एम करुणानिधि ने ही मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए वीपी सिंह सरकार पर 1990 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन भाजपा ने वीपी सिंह सरकार को गिरा दिया था।