वरिष्ठ कनाडाई पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने कहा कि कनाडाई पीएम ने बयान दिया कि निज्जर की हत्या में भारतीयों का हाथ है। उन्होंने कहा कि ऐसा बयान अचानक से देना हम कनाडाई लोगों को सोचने पर मजबूर करती है कि यह समय क्या संकेत देता है?
कनाडा और भारत के बीच हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो चुका है। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार की साजिश हो सकती है। इसपर भारत सरकार ने भी पलटवार किया है। उन्होंने सभी बयानों को बेतुके बताया है। वार-पलटवार के बीच भारत और कनाडा के बीच मनमुटाव बढ़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर, कनाडा के वरिष्ठ पत्रकार ने अपने पीएम ट्रूडो पर ही सवाल खड़े कर दिए।
यह समय क्या संकेत देता है?
वरिष्ठ कनाडाई पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने कहा कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने संसद में बयान दिया कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीयों का हाथ है। उन्होंने कहा कि ऐसा बयान अचानक से देना हम कनाडाई लोगों को सोचने पर मजबूर करती है कि यह समय क्या संकेत देता है?
मीडिया में विवादित खबरें
उन्होंने कहा कि पीएम ट्रूडो अभी भारत से लौटे हैं। जब से वह लौटे हैं, तबसे ही भारतीय और कनाडाई मीडिया में विवादित खबरें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि ये खुलासा पहले या जांच पूरी होने के बाद किया जा सकता था। गोरा ने आगे कहा कि संसद में पीएम ट्रूडो ने ये भी बताया कि जब वो भारत में थे तो पीएम मोदी से उनकी इस संबंध में बातचीत हुई थी।
बुरे इरादे नहीं रखे
वरिष्ठ कनाडाई पत्रकार ने कहा कि भारतीय कनाडाई जो कि एक विशाल प्रवासी हैं, के मन में यह सवाल है कि भारत ने कनाडा के लिए कभी भी बुरे इरादे नहीं रखे हैं और कनाडा की ओर से भी यही बात है। पीएम ट्रूडो ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित करने का भी आदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के संबंधों में यह बहुत कठिन स्थिति है। लोग अभी भी सोच रहे हैं कि पीएम ट्रूडो ने इस मौके पर ऐसा संदेश क्यों दिया?
भारत और कनाडा एक दूसरे के शुभचिंतक
असलम गोरा ने कहा कि कुछ खालिस्तानी गतिविधियों को छोड़कर भारत और कनाडा एक दूसरे के शुभचिंतक है। भारत और कनाडा के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री ने चीन और रूस के बारे में अपनी चिंताएं जाहिर की हैं, लेकिन भारत के बारे में कभी नहीं। उन्होंने कहा कि पीएम ट्रूडो का ऐसे अचानक खुलासा करना बेहद चौंकाने वाला है। कनाडाई भी सदमे में हैं और हम हमेशा चाहते थे कि तथ्यों को जानने के लिए जांच पूरी हो।
तीन महीने में जांच कैसे पूरी
उन्होंने कहा कि हमारे पास अभी भी सवाल है कि महज तीन महीने में जांच कैसे पूरी हो गई और पीएम ट्रूडो संसद में ऐसा बयान कैसे दे सकते हैं? यह प्रवासी भारतीयों के लिए एक मुद्दा है और हर कोई इस स्थिति से सदमे में है और डरा हुआ है। यह बहुत दुखद स्थिति है। उन्होंने कहा कि पीएम ट्रूडो का खुलासा चौंकाने वाला है।
वह जो कह रहे हैं सही
विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा कि जाहिर है, कनाडा के प्रधानमंत्री के हाउस ऑफ कॉमन्स के सामने बोलने से पता चलता है कि उनके पास यह मानने के बहुत मजबूत कारण हैं कि वह जो कह रहे हैं वह सही है। उन्होंने कहा कि अगर मजबूत कारण नहीं होता तो क्या सच में वह भारत के साथ इतने महत्वपूर्ण रिश्ते को खतरे में डालना चाहते?