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‘कई लोगों का मानना कि मैं राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र में काफी छोटा’, आलोचनाओं पर बोले विवेक रामास्वामी

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रामास्वामी ने कहा कि मैं बाइडन के कट्टरपंथी एजेंडे की ज्यादा आलोचना नहीं करता क्योंकि मुझे लगता है कि यह ध्यान केंद्रित करने के लिए गलत जगह है। बेशक, आलोचना करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन हमें अपनी खुद की एक दृष्टि पेश करनी होगी।

Many annoyed by my rise and believe I'm too young to become US Prez: Vivek Ramaswamy

भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने रविवार को कहा कि कई लोग मेरे आगे बढ़ने से नाराज हैं और उनका मानना है कि 38 वर्षीय व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए बहुत छोटा है।

दरअसल, राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राथमिक बहस के दौरान रामास्वामी के प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद विभिन्न जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है। नवीनतम जनमत सर्वेक्षण से पता चलता है कि वह अगस्त के प्रदर्शन से 12 अंक ऊपर हैं। साथ ही उनके विरोधियों द्वारा उनकी आलोचना भी तेजी से बढ़ती चली जा रही है।

अमेरिका का संविधान लिखने वाले की देखें उम्र
रामास्वामी ने एक स्थानीय मीडिया से कहा कि देखिए जब से मैंने दूसरी बहस में अच्छा प्रदर्शन किया है, तबसे ही कड़ी आलोचना की जा रही है। यह सब प्रक्रिया का हिस्सा है, इसलिए खुली बहस के लिए आमंत्रित करता हूं। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि कई लोग मेरे आगे बढ़ने से नाराज हैं और मानते हैं कि 38 साल का व्यक्ति अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए बहुत छोटा है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि तथ्य यह है कि थॉमस जेफरसन 33 वर्ष के थे, जब उन्होंने अमेरिका का संविधान लिखा था। उन्होंने कहा कि इसी भावना को आज फिर से जगाने की जरूरत है।

अच्छे दिन देखना बाकी
रामास्वामी ने कहा मेरा मानना है कि जिस व्यक्ति के जीवन में अभी भी सबसे अच्छे दिन बाकी हों, उसे एक ऐसा देश देखना होगा, जिसके सबसे अच्छे दिन अभी बाकी हों। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि संयुक्त राज्य अमेरिका अभी भी हमारे सबसे अच्छे दिनों को देख सकता है, लेकिन हम किसी चीज से भाग नहीं सकते।

बाइडन की नहीं करता आलोचना
उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में बाइडन के कट्टरपंथी एजेंडे की ज्यादा आलोचना नहीं करता क्योंकि मुझे लगता है कि यह ध्यान केंद्रित करने के लिए गलत जगह है। बेशक, आलोचना करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन हमें अपनी खुद की एक दृष्टि पेश करनी होगी, न कि सिर्फ यह कि हम किससे भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बुनियादी मुद्दे हैं, जिनपर हम बहस कर सकते है और इस बात से ज्यादातर अमेरिका के लोग भी सहमत होंगे।

यही कारण है कि मुझे विश्वास है कि हमारे पास 1980 की शैली, रोनाल्ड रीगन-शैली, नैतिक जनादेश देने का मौका है। इस तरह हम इस देश को एकजुट करेंगे और मैं इस दौड़ में हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मैं ऐसा करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति वाला उम्मीदवार हूं। उन्होंने कहा कि भले ही हर दूसरे उम्मीदवार ने मेरी आलोचनाएं की है, जिन्हें मेरे बढने से खतरा है। हालांकि, मैं उनमें से किसी के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं। मैं इस देश के लिए लड़ रहा हूं।

रामास्वामी ने 23 अगस्त को आयोजित अपनी पहली रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की प्राथमिक बहस के बाद ध्यान आकर्षित किया है। बहस के बाद सामने आए पहले सर्वेक्षण के अनुसार, 504 उत्तरदाताओं में से 28 प्रतिशत ने कहा कि रामास्वामी ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।

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