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डिजिटल क्षेत्र में निवेश को मिलेगा बढ़ावा, तकनीकी-प्रौद्योगिकी में तीन देशों के साथ होगा समझौता

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केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन को नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के तहत केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। कोर्ट सभागार में 4,400 ई-सेवा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। न्यायालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा।

Cabinet meeting Investment in digital sector will get boost agreement will made with three countries

केंद्रीय कैबिनेट ने आर्मेनिया, एंटीगुआ और बारबुडा तथा सिएरा लियोन के साथ डिजिटल समाधानों को साझा करने और तकनीकों और प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में मिलकर काम करने के लिए अलग-अलग समझौता ज्ञापनों को स्वीकृति प्रदान की है। आर्मेनिया और सिएरा लियोन के साथ इस साल 12 जून और एंटीगुआ और बारबुडा के साथ 13 जून को समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे। ये समझौते तीन साल के लिए प्रभावी होंगे।

दरअसल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आईसीटी क्षेत्र में सहायता और सूचना के आदान प्रदान को बढ़ा कर कई देशों और संबंधित एजेंसियों के साथ तत्परता से जुड़ रहा है। इस पहल के पीछे भारत सरकार की एक व्यापक सोच है। इसका मकसद डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया सरीखी सरकार के प्रयासों की मदद से देश को प्रौद्योगिकी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाना और अन्य देशों के साथ श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करके डिजिटल के क्षेत्र में अधिक से अधिक व्यावसायिक अवसरों और निवेश को बढ़ाना है।

आपसी सहयोग मकसद
समझौता ज्ञापनों का उद्देश्य द्विपक्षीय डिजिटल परिवर्तनकारी पहलों के कार्यान्वयन में घनिष्ठ सहयोग और डिजिटल प्रौद्योगिकियों-आधारित समाधानों (जैसे इंडिया स्टैक) और अनुभवों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। एमओयू में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने वाले बेहतर सहयोग की परिकल्पना की गई है। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के क्षेत्र में द्विपक्षीय जी2जी और बी2बी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाए जाएंगे।

सुवेन फार्मास्यूटिकल्स में एफडीआई को मंजूरी
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि  साइप्रस का फर्म बरहयांदा लि. भारतीय कंपनी सुवेन फार्मास्यूटिकल्स के 76.1 प्रतिशत इक्विटी शेयरों का अधिग्रहण करेगी। इस प्रस्ताव को सेबी, आरबीआई, सीसीआई समेत सभी हितधारकों की ओर से आकलन करने के बाद मंजूरी के लिए प्रस्तावित किया गया था। इस निवेश के बाद सुवेन में विदेशी निवेश बढ़कर 90.1 फीसदी हो जाएगा। सुवेन बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध कंपनी है।

ऑनलाइन होगी कोर्ट की कार्यवाही, ई-फाइलिंग, ई-पेमेंट की सुविधा मिलेगी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ई-कोर्ट मिशन को नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के तहत केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। कोर्ट सभागार में 4,400 ई-सेवा केंद्रों की स्थापना की जाएगी। न्यायालयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा। ई-कोर्ट की स्थापना से सभी को ई-फाइलिंग और ई-पेमेंट की व्यवस्था मिलेगी। रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा। क्लाउड स्टोरेज की व्यवस्था भी की जाएगी। इसमें केस रिकॉर्ड, सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक सबूत और लाइन स्ट्रीमिंग के आंकड़ों को जमा किया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विस्तार होगा। इस योजना में निर्मित परिसंपत्तियों की देखभाल और रखरखाव के लिए भारत सरकार, हाईकोर्ट और राज्य सरकारों के मध्य समझौता होगा। इससे मामलों के निपटान में तेजी आएगी। पारदर्शिता के साथ जवाबदेही बढ़ेगी।

पीएम मोदी के व्यापक दृष्टिकोण से जी-20 सम्मेलन हुआ सफल
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को नई दिल्ली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता की सराहना करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। मंत्रिमंडल ने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’विषय के विभिन्न पहलुओं को स्थापित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की। प्रस्ताव में कहा गया कि प्रधानमंत्री के जन भागीदारी वाले दृष्टिकोण ने जी-20 कार्यक्रमों और गतिविधियों में हमारे समाज के व्यापक वर्गों को शामिल किया। 60 शहरों में 200 से अधिक बैठकें जी-20 आयोजनों के एक अभूतपूर्व आयोजन को दर्शाती हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत की जी-20 अध्यक्षता वास्तव में जन-केंद्रित और एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में उभर कर सामने आई।

पूरे देश को होगा फायदा
प्रस्ताव में कहा गया कि जी-20 के प्रमुख परिणामों का लाभ पूरे देश को होगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को सक्रिय करना, विकास के लिए अधिक संसाधनों की उपलब्धता, पर्यटन का विस्तार, वैश्विक कार्यस्थल के अवसर मिलेंगे। मंत्रिमंडल ने माना कि सम्मेलन के नतीजे परिवर्तनकारी थे और आने वाले दशकों में वैश्विक व्यवस्था को फिर से आकार देने में योगदान करेंगे। यह भी स्वीकार किया गया कि ऐसे समय में जब पूर्व-पश्चिम ध्रुवीकरण मजबूत था और उत्तर-दक्षिण विभाजन गहरा था, पीएम मोदी के प्रयासों ने दिन के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अहम सहमति बनाई।

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