आप और कांग्रेस के साथ-साथ आने से पंजाब कांग्रेस दोफाड़ होती दिखाई दे रही है। प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता गठबंधन से खासे नाराज हैं और पंजाब में दोनों दलों के बीच गठजोड़ की संभावनाओं से खुलेतौर पर इन्कार कर रहे हैं।
एक तरफ जहां विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने के लिए बैठकें हो रही हैं, वहीं गठबंधन में शामिल पार्टियां के बीच राज्यों में रस्साकशी दिखने लगी है। मध्य प्रदेश और पंजाब में गठबंधन टूट के कगार पर पहुंच चुका है, जबकि हरियाणा में कांग्रेस ने अकेले चलने का एलान कर दिया है। दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए टिकट तय होने लगे हैं। भाजपा, बसपा के अलावा गठबंधन में शामिल सपा और आप ने तो अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। यहां सपा व आप के कुछ मजबूत क्षेत्र हैं, जहां वे कुछ सीटें जीत सकती हैं। वहीं, 2018 में सरकार बनाने वाली कांग्रेस किसी से समझौता नहीं करने वाली। भाजपा व कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता कह चुके हैं कि प्रदेश में विपक्षी पार्टियों का गठबंधन नहीं होगा।
पंजाब : कांग्रेस में दोफाड़, कई नेता आप के खिलाफ
आप और कांग्रेस के साथ-साथ आने से पंजाब कांग्रेस दोफाड़ होती दिखाई दे रही है। प्रदेश के कई वरिष्ठ नेता गठबंधन से खासे नाराज हैं और पंजाब में दोनों दलों के बीच गठजोड़ की संभावनाओं से खुलेतौर पर इन्कार कर रहे हैं। हालांकि, पूर्व पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के आप-कांग्रेस गठजोड़ के पक्ष में खुलकर सामने आ जाने के बाद प्रदेश इकाई दो धड़ों में बंट गई है।
रवनीत बिट्टू ने बुधवार को आप-कांग्रेस गठजोड़ संबंधी पार्टी हाईकमान के फैसले को न केवल सही ठहराया, बल्कि उन्होंने कांग्रेसी नेता प्रताप सिंह बाजवा और प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को नसीहत भी दे डाली कि अगर किसी को हाईकमान का फैसला मंजूर नहीं है तो वह इस्तीफा दे सकता है। बिट्टू ने यह भी कहा कि जिसे गठबंधन पर एतराज है वह हाईकमान के समक्ष अपनी बात कह सकता है। फिलहाल बाजवा और वड़िंग की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
हरियाणा में कांग्रेस नहीं करेगी गठबंधन
गठबंधन में सबको साथ लेकर चलने की घोषणाएं हरियाणा में कांग्रेस ने चकनाचूर कर दी है। पार्टी ने कह दिया है कि हरियाणा में वह किसी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। ऐसे में इनेलो के इस गठबंधन में शामिल होने की राह बंद होती दिख रही है।