गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में ही इमरान खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी हिरासत में हैं। उनकी भी न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ा दी गई।
पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने बुधवार को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में इमरान खान की न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ा दी है। अदालत के इस आदेश से इमरान खान की जल्द जेल से बाहर आने की उम्मीदों को झटका लगा है। गोपनीय दस्तावेज लीक मामले की सुनवाई सुरक्षा कारणों से अटक जेल में ही हुई। सुनवाई के दौरान जज अब्दुल हसनत जुल्कारनैन ने इमरान खान की न्यायिक हिरासत बढ़ाने का आदेश दिया।
गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में ही इमरान खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी हिरासत में हैं। उनकी भी न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ा दी गई। यह जानकारी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने एक संक्षिप्त व्हॉट्सएप संदेश में दी है।
अटक जेल में हुई सुनवाई
बता दें कि इमरान खान पर आरोप है कि बीते साल एक रैली के दौरान इमरान खान ने सरकारी गोपनीय दस्तावेज लहराया था। हालांकि पूछताछ के दौरान इमरान खान ने जांच एजेंसियों के सामने कबूला है कि उनसे वह दस्तावेज गुम हो गया है। तोशाखाना मामले में इमरान खान बीती 5 अगस्त से पंजाब की अटक जेल में बंद हैं। 29 अगस्त को इस्लामाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यी पीठ ने इमरान खान की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि आदेश के बावजूद इमरान खान की रिहाई नहीं हो सकी क्योंकि गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में अदालत ने इमरान खान को जेल में ही रखने और 30 अगस्त को सुनवाई के दौरान पेश करने का आदेश दिया था। बता दें, इस मामले को सिफर मामले के नाम से भी जाना जाता है।
अदालत में सुनवाई की मांग
उल्लेखनीय है कि जज अब्दुल हसनत जुल्कारनैन ने ही 29 अगस्त को इमरान खान को एक दिन की रिमांड पर रखने का आदेश दिया था। अब जज जुल्कारनैन ने इमरान खान की न्यायिक हिरासत 26 सितंबर तक बढ़ाकर पूर्व प्रधानमंत्री की परेशानी बढ़ा दी है। इससे पहले, कानून मंत्रालय ने मंगलवार यानी 12 सितंबर को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें जेल में सुनवाई करने पर कोई आपत्ति नहीं जताई गई। इसमें कहा गया कि विशेष अदालत के न्यायाधीश अब्दुल ने अनुरोध किया कि कार्यवाही सुरक्षा कारणों से अटक जेल में की जाए। हालांकि, खान के प्रवक्ता जुल्फिकार बुखारी ने अदालत में सुनवाई की मांग की।
सुरक्षा का हवाला देना बहाना
उन्होंने कहा कि सुरक्षा का हवाला देना मात्र एक बहाना है। अगर सुरक्षा की इतनी चिंता है तो वीडियो लिंक के जरिए सुनवाई हो सकती है। बुखारी ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने जेल में खान के मुकदमे के खिलाफ इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुने गए मामले के फैसले का भी इंतजार नहीं किया था। हाईकोर्ट ने इस्लामाबाद के बजाय जेल में खान के मुकदमे पर सुनवाई करने के खिलाफ एक याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने यह कहकर कार्यवाही समाप्त की कि वह एक उचित आदेश देंगे।
क्या है मामला
गोपनीय दस्तावेज लीक मामले में ही इमरान खान के करीबी सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी हिरासत में हैं। इमरान खान पर देश के खुफिया कानून का उल्लंघन का आरोप है। बीते साल मार्च में जब इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी थी। इस दौरान एक रैली में इमरान खान ने अपनी जेब से एक कागज निकालकर लहराया था। आरोप है कि वह कागज सरकारी गोपनीय दस्तावेज यानी सिफर था। इमरान खान ने दावा किया था कि उनकी सरकार गिराने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय साजिश’ रची जा रही है। हालांकि पूछताछ के दौरान इमरान खान ने इस बात से इनकार किया है कि जो कागज उन्होंने रैली में लहराया था, वह कोई सरकारी गोपनीय दस्तावेज था। इमरान खान ने ये भी कहा कि उनसे वह कागज खो गया है और उन्हें याद नहीं आ रहा है कि उन्होंने इसे कहां रखा है।