राज्यों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा है कि आगामी 13 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस अभियान की शुरुआत करेगीं। साथ ही, 17 सितंबर को सेवा पखवाड़ा शुरू होगा जो दो अक्तूबर तक चलेगा।
जी-20 के कुछ ही दिन बाद देश में डिजिटल स्वास्थ्य को लेकर आयुष्मान भव अभियान शुरू होगा। इसके तहत गांवों को एक नई पहचान मिलेगी। इन गांवों के नाम के साथ आयुष्मान भी जोड़ा जाएगा और यह नई पहचान गांव की सीमा पर दिखाई देगी ताकि लोगों को यह पता चल सके कि इस गांव में स्वास्थ्य जांच से लेकर ई संजीवनी के जरिए डॉक्टर की सलाह, टीकाकरण और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा सभी का लाभ घर बैठे लिया जा रहा है।
ढाई लाख से ज्यादा पंचायतों में तैनात होंगी टीमें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक निदेशक ने बताया, 2.50 लाख से ज्यादा गांवों के लिए स्वास्थ्य टीमों को तैनात किया जाएगा जो न सिर्फ प्रत्येक गांव में आयुष्मान सभा करेंगी बल्कि हर घर जाकर लोगों से बातचीत भी करेगीं। इनके पास मौजूद टेबलेट के जरिए रियल टाइम डाटा अपलोड होगा जो दिल्ली में मौजूद डिजिटल स्वास्थ्य कक्ष तक पहुंचेगा।
इस अभियान के जरिये सबसे पहले गांव डिजिटल हो जाएगा। दूसरा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के सभी लाभार्थियों तक सरकार की पहुंच होगी। तीसरा इस गांव में टीबी, मलेरिया, डेंगू और अन्य गैर संचारी रोगों को लेकर एक वास्तविक स्थिति का पता भी चलेगा। आगे चलकर इन्हीं गांवों को मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा छात्रों द्वारा गोद लिया जाएगा।
अभियान के बाद भी चलते रहेंगे प्रयास
एक सवाल पर स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आगामी दो अक्तूबर तक अभियान पूरा होने के बाद भी गांवों का दौरा जारी रहेगा। सभी राज्यों से ऐसे गांवों का चयन करने के लिए कहा है जिन्हें कम समय में डिजिटल सेवाएं दी जा सकती हैं। साथ ही एक दूसरी सूची में अंतिम छोर या फिर दुर्गम स्थलों को शामिल किया है। प्रयास है कि अगले छह से सात माह में अधिकांश गांवों को आयुष्मान नाम की पहचान दिलाई जा सके।