हनुमानपुर से भगनपुर तक सात किमी लंबी सड़क परियोजना में काम कराए बिना लाखों रुपये का भुगतान कराने का पत्र लिखकर अवर अभियंता ने हड़कंप मचा दिया है। इस सड़क पर नियुक्त तीन अवर अभियंताओं में से एक जगदीश मौर्या ने पत्र में अपनी नौकरी बचाने की गुहार लगाई है।
जेई ने कहा है कि इस सड़क पर कई काम अधूरे हैं। जबकि, एक जेई ने फर्जी नापी का रिकार्ड तैयार कराकर कई कार्यों का अलग-अलग विवरण जारी कर दिया है। जेई ने एमबी कराई गई सड़क की तीनों अवर अभिंताओं की मौजूदगी में पुन: मापी का मिलान कराने का आग्रह किया है। ताकि, इस गोलमाल में उसकी गर्दन न फंसने पाए।
प्रधानमंत्री सड़क परियोजना के तहत करछना ब्लाक में हनुमानपुर से भगनपुर तक जाने वाली इस सड़क का निर्माण 24 मार्च 2022 तक पूरा कराया जाना था, लेकिन यह सड़क अभी अधूरी है। इस बीच इस सड़क पर बिना काम कराए मापी कराकर लाखों रुपये का भुगतान कराने संबंधी पत्र अफसरों को लिखकर जेई जगदीश मौर्य ने महकमे की मुसीबत बढ़ा दी है। यह मामला पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड-दो (पीएमजेएसवाई) से जुड़ा है।
इस डिवीजन का प्रभार देख रहे एक्सईएन अजय कुमार गोयल और सहायक अभियंता प्रीति पटेल को लिखे पत्र में जेई ने जगदीश मौर्य ने कहा है कि पैकेज संख्या यूपी-03176 के तहत हनुमानपुर-भगनपुर पर तीन जेई क्रमश: चैनेज जीरो से 3.20 किमी तक प्रदीप कुमार, चैनेज संख्या-3.20 से 6.20 किमी तक सरिता मिश्रा और चैनेज संख्या 6:20 से सात किमी तक खुद उनको कार्य आवंटित किया गया है।
जेई जगदीश ने इस निर्माणाधीन सड़क की दूसरी अवर अभियंता सरिता मिश्रा पर फर्जी नापी कराकर बिल भुगतान कराने का आरोप लगाया है। जेई जगदीश की माने तो सरिता ने सतह लेपन के बाद पटरी , केसी ड्रेन,रोड फर्नीचर और अन्य कार्यों का भी रिकार्ड नापजोख कर अलग-अलग मात्रा बिल भुगतान के लिए भेजी है। आरोप है कि जेई सरिता ने ठेकेदार से मिलीभगत कर ऐसा किया है।
जेई जगदीश का कहना है कि इससे उनकी और उनके एक और सहयोगी जेई प्रदीप की नौकरी दांव पर लग सकती है। जेई ने पत्र में लिखा है कि अगर इस मामले को दबाया गया और उच्चाधिकारियों ने समय रहते संज्ञान लेकर इस घोटाले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं की,तो वह डीएम व अन्य उच्चाधिकारियों को भी इस प्रकरण से अवगत कराएंगे। इस पर भी न्याय नहीं मिला तो वह न्यायालय का दरवाज खटखटाने के लिए बाध्य होंगे।
जेई जदगीश मौर्य का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसीलिए वह सड़क निर्माण कराए बिना नापी और बिल भुगतान का पत्र लिखकर विभाग की छवि खराब कर रहे हैं। जेई का यह कदम अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इस पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।