अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंपों में लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है। आर्थिक तौर पर कमजोर, विशेषकर ग्रामीण परिवार महंगाई की मार से स्वयं को बचाने के लिए महंगाई राहत कैंपों में अपने आपको रजिस्टर करा रहे हैं। मनरेगा के अंतर्गत हर परिवार को एक न्यूनतम आय सुनिश्चित कर सरकार सबको गरीबी और महंगाई की दो तरफा मार से बचाने का प्रयास कर रही है।
राजस्थान में हर विधानसभा चुनाव में सरकार बदल जाती है। लंबे समय से उसका यह ट्रैक रिकॉर्ड बना हुआ है। लेकिन कांग्रेस का दावा है कि इस बार वह इस इतिहास को पलट देगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि वह बिना किसी भेदभाव के राज्य के हर वर्ग तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है। राज्य का कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जो राज्य सरकार की किसी न किसी योजना का लाभार्थी न हो। सरकार ने हर वर्ग तक पहुंच बनाई है। ऐसे में अनुमान है कि राज्य का इतिहास पलट सकता है और अशोक गहलोत सरकार प्रो-इनकंबेंसी फैक्टर के सहारे सत्ता में वापसी कर सकती है।
अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंपों में लोगों की खूब भीड़ उमड़ रही है। आर्थिक तौर पर कमजोर, विशेषकर ग्रामीण परिवार महंगाई की मार से स्वयं को बचाने के लिए महंगाई राहत कैंपों में अपने आपको रजिस्टर करा रहे हैं। मनरेगा के अंतर्गत हर परिवार को एक न्यूनतम आय सुनिश्चित कर सरकार सबको गरीबी और महंगाई की दो तरफा मार से बचाने का प्रयास कर रही है।
अशोक गहलोत ने कहा कि इस योजना को लांच करते समय उनके मन में केवल एक ही बात थी कि राजस्थान के किसी भी परिवार को इलाज के अभाव में परेशान न होना पड़े। उन्होंने कहा कि कोई परिवार आर्थिक तौर पर कितना भी मजबूत क्यों न हो, जब इलाज की बात आती है तो हर परिवार आर्थिक तौर पर दबाव महसूस करता है। यदि परिवार का कमाऊ सदस्य किसी बीमारी की चपेट में आ जाए तो पूरे परिवार का भविष्य खतरे में पड़ जाता है। ऐसे में लोगों को इस खतरे से बचाने का केवल एक ही उपाय था कि सबको मुफ्त इलाज की सुविधा मिले।
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना एक वर्ग विशेष तक सीमित है। लेकिन बीमारी में फंसने पर बड़ा वर्ग भी बहुत परेशान हो जाता है। इसीलिए उन्होंने हर वर्ग को मुफ्त इलाज देने की योजना शुरू की और इसे सफलतापूर्वक लागू किया। सीएम का दावा है कि अब इलाज के कारण कोई परिवार परेशान नहीं होने पाएगा।
प्रो इनकंबेंसी फैक्टर का दावा
राज्य सरकार के करीबी लोगों का दावा है कि कांग्रेस को राज्य में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का नहीं, प्रो इनकंबेंसी फैक्टर का लाभ मिलने की संभावना है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि चाहे अमीर हो या गरीब, राजस्थान का कोई एक भी परिवार ऐसा नहीं है जो राज्य सरकार की किसी न किसी योजना का लाभार्थी न हो। इस कारण सरकार के प्रति लोगों की सहानुभूति की लहर पैदा हो सकती है जिसका लाभ कांग्रेस को हो सकता है।
अब तक का अनुमान यही है कि भाजपा पूरे चुनाव को मोदी के चेहरे पर लड़ेगी। ऐसे में राजस्थान में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चेहरों के बीच लड़ाई देखने को मिल सकती है। भाजपा समर्थक मानते हैं कि ‘परसेप्शन’ की लड़ाई में मोदी गहलोत पर भारी पड़ सकते हैं, लेकिन कांग्रेस का अनुमान है कि राज्य में किसे शासन करना है, इसे ध्यान में रखते हुए जनता अशोक गहलोत सरकार को वापस लाने के लिए वोट कर सकती है।