जो बाइडन की भारत यात्रा को लेकर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने एक बयान भी जारी किया है। बयान में कहा गया है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वे अन्य नेताओं के साथ यूक्रेन संघर्ष सहित कई वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करेंगे।
भारत इस समय जी 20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। इसी क्रम में भारत की मेजबानी में सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें कई देशों के प्रमुख हिस्सा लेगें। इस बीच सामने आया है कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति बाइडन 7-10 सितंबर तक भारत का दौरा करेंगे।
जो बाइडन की भारत यात्रा को लेकर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने एक बयान भी जारी किया है। बयान में कहा गया है कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान वे अन्य नेताओं के साथ यूक्रेन संघर्ष सहित कई वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही बाइडन जी20 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना करेंगे।
बयान में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन और जी20 साझेदार स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन से निपटने, यूक्रेन संघर्ष के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों को कम करने सहित वैश्विक मुद्दों से निपटने के लिए कई संयुक्त प्रयासों पर चर्चा करेंगे।
सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक में सुधार पर जोर देंगे ताकि विकासशील देशों को ज्यादा मदद हो सके। अमेरिकी एनएसए ने कहा कि इन दोनों संस्थाओं को चीन के बेल्ट एंड रोड पहल के तहत दिए जाने वाली वित्तीय मदद की जगह विकासशील देशों को और बेहतर विकल्प देने की जरूरत है। सुलिवन ने पत्रकारों से कहा, इन देशों की ओर से जिन चुनौतियों का सामना किया जा रहा है उससे मुकाबले के लिए इनकी आवाज को हम स्पष्ट सुन रहे हैं।
बता दें कि जी20 देशों के समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका) और यूरोपीय संघ शामिल हैं। इन सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। साथ ही इन देशों में विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है।
अतिथि देशों में बांग्लादेश, ईजिप्ट, मॉरिशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल है। नियमित अंतरराष्ट्रीय संगठनों (यूएन, आईएमएफ, डब्ल्यूबी, डब्ल्यूएचओ, डब्ल्यूटीओ, आईएलओ, एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू, एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) की पीठों के अतिरिक्त जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा आईएसए, सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया जाएगा।बता दें कि जी20 विश्व नेताओं का शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित होने वाला है। यह शिखर सम्मेलन भारत में विश्व नेताओं की सबसे बड़ी सभाओं में से एक होने की उम्मीद है। भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को इंडोनेशिया से G20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी।
बाइडेन ने दुनिया में भारत के महत्व के बारे में बताया : गार्सेटी
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि विभिन्न देशों के बीच आपसी संबंधों में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने दुनिया में भारत की महत्व के बारे में उन्हें बताया था। उन्होंने कहा, हम अलग-अलग पहचान का हिस्सा हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि हम एक ही केंद्र वाले वृत्तों का हिस्सा हैं।