रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अधिकारियों से कहा कि वे विदेशी शब्दों, विदेशी निर्मित कारों और एपल उपकरणों सहित पश्चिमी तकनीक का इस्तेमाल न करें।
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध कब खत्म होगा इस अंदाजा लगा पाना काफी मुश्किल है। भारत समेत कई बड़े देशों की शांति अपील के बाद भी इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अधिकारियों से कहा कि वे विदेशी शब्दों, विदेशी निर्मित कारों और एपल उपकरणों सहित पश्चिमी तकनीक का इस्तेमाल न करें।
बड़ी बात तो यह है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अधिकारियों को कारों आदि का उपयोग बंद करने के आदेश के एक हफ्ते के बाद रूसी सरकारी एजेंसियों ने विदेशी कारों के लिए 53 मिलियन से अधिक रूबल आवंटित किए। एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि कैसे रूस के रक्षा मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और राज्य प्रौद्योगिकी रोस्टेक कॉर्पोरेशन के अधिकारी जुलाई में जारी प्रतिबंध के बावजूद अभी भी एपल उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।
एक रूसी विश्लेषक ओलेग इग्नाटोव ने बताया कि विदेशी कारों और एपल सामानों का उपयोग बंद करने के आदेश को लागू करना मुश्किल होगा, क्योंकि बाजार में आपके पास बहुत सारे विकल्प नहीं हैं। बहुत सारी विदेशी कंपनियाँ, पश्चिमी विदेशी कंपनियाँ और कोरियाई विदेशी कंपनियाँ, उन्होंने रूसी बाजार छोड़ दिया है। आगे बोले कि यदि आप एक सस्ती कार खरीदना चाहते थे, तो आप एक कोरियाई कार खरीदेंगे, लेकिन अब यह संभव नहीं है क्यों वह रूसी बाजार छोड़ चुकी हैं और इसलिए, मुख्य कारें रूसी बाजार में अभी चीनी हैं। समस्या यह है कि वे पर्याप्त कारों का उत्पादन नहीं करते हैं।
आगे ओलेग इग्नाटोव ने कहा कि अधिकारियों को आमतौर पर एक विशेष मानक वाली बिजनेस-क्लास कारों की कारों की आवश्यकता होती है। रूस में लगभग कोई भी इस तरह की कारों का उत्पादन नहीं करता है। फिलहाल रूस में इनके अलावा कारें ढूंढना संभव नहीं है। आगे बोले कि देर-सवेर, सरकार रूस में चीनी कारों या शायद ईरानी कारों के उत्पादन का स्थानीयकरण करेगी।