Search
Close this search box.

संसद भंग होने के बाद पाकिस्तान में क्या होगा, 90 दिन की तय सीमा से ज्यादा चुनाव टलने की चर्चा क्यों?

Share:

पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 के अनुसार, चुनाव आयोग नेशनल असेंबली के जल्द भंग होने की स्थिति में 90 दिनों के भीतर आम चुनाव कराना होगा। हालांकि, निवर्तमान गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयानों ने भी संकेत दिए गए थे कि चुनाव 90 दिनों की संवैधानिक समय सीमा से अधिक विलंबित होंगे।

पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सिफारिश पर बुधवार शाम वहां की संसद ‘नेशनल असेंबली’ भंग कर दी गई। संसद भंग होने के साथ ही पाकिस्तान में कार्यवाहक सरकार को चुनने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है जिसमें सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी पीटीआई के प्रमुख इमरान खान भाग नहीं ले पाएंगे। इमरान इस वक्त जेल में हैं।

नई निर्वाचित सरकार के गठन तक पाकिस्तान में सत्ता की बागडोर कार्यवाहक सरकार संभालेगी। इस बीच यह जानना जरूरी है कि अभी पाकिस्तान की राजनीति में क्या हुआ है? नेशनल असेंबली के भंग होने का मतलब क्या है? यहां अंतरिम सरकार क्या करती है? चुनाव कब होंगे?

Pakistan National Assembly Dissolved Know What Will Be the Next for Pakistan News in Hindi
अभी पाकिस्तान की राजनीति में क्या हुआ है?
पाकिस्तान की संसद (नेशनल असेंबली) पांच साल का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले ही भंग हो गई है। निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बुधवार देर रात मंजूर कर लिया। नेशनल असेंबली को संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत भंग किया गया है। इससे वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया।

मौजूदा नेशनल असेंबली यानी संसद के निचले सदन का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त हो रहा था। नेशनल असेंबली के भंग होने से संसद के ऊपरी सदन सीनेट के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अब तक केवल नेशनल असेंबली द्वारा पारित कोई भी बिल को सीनेट न  अमान्य कर सकती और न ही खारिज कर सकती। दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव पहले ही राष्ट्रपति को भेज दिए गए हैं और यदि राष्ट्रपति 10 दिनों में उन पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो भी वे स्वतः अनुमोदित माने जाएंगे।

Pakistan National Assembly Dissolved Know What Will Be the Next for Pakistan News in Hindi
नेशनल असेंबली के विघटन के क्या मायने हैं?
पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 52 में उल्लिखित है कि अपने पहले सत्र के दिन से अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने पर नेशनल असेंबली भंग हो जाती है। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है जिसके जरिए नागरिकों को हर पांच साल में अपना वोट डालने और एक नई सरकार चुनने का अवसर मिलता है।

संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार, यदि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सिफारिश के 48 घंटे के भीतर असेंबली को भंग करने में विफल रहते हैं तो यह स्वतः ही भंग हो जाती है। एक बार असेंबली भंग हो जाने पर कैबिनेट के सभी सदस्यों का कार्यकाल भी खत्म हो जाता है। हालांकि एक चेतावनी है कि यदि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास की कार्यवाही शुरू हो गई है तो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को असेंबली भंग करने की सलाह नहीं दे सकते। राष्ट्रपति अपने विवेक से भी असेंबली को भंग कर सकते हैं, यदि नेशनल असेंबली के किसी अन्य सदस्य के पास बहुमत के सदस्यों का विश्वास नहीं है।

अंतरिम सरकार क्या करती है?
असेंबली के विघटन और नए चुनावों के बीच एक अंतरिम या कार्यवाहक सरकार की नियुक्ति की जाती है। कार्यवाहक कैबिनेट का एक प्राथमिक काम होता है कि वह देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए अनुकूल माहौल बनाए रखे। इसके अलावा, यह सरकार के नियमित कार्यों को पूरा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए भी जिम्मेदार है कि संसद के भंग होने और नई सरकार के शपथ ग्रहण के बीच के समय में पाकिस्तान में गतिरोध न हो।

Pakistan National Assembly Dissolved Know What Will Be the Next for Pakistan News in Hindi
अंतरिम सरकार की नियुक्ति कौन करता है?
इस कार्यवाहक कैबिनेट की नियुक्ति राष्ट्रपति या राज्यपाल (प्रांतीय असेंबली के मामले में) द्वारा की जाती है। लेकिन यह चुनाव निवर्तमान प्रधानमंत्री और निवर्तमान नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता के सहयोग से किया जाता है। एक बार आम सहमति बन जाने के बाद राज्यपाल द्वारा निवर्तमान मुख्यमंत्री और निवर्तमान प्रांतीय असेंबली में विपक्ष के नेता के सहयोग से एक कार्यवाहक मुख्यमंत्री का चयन किया जाता है। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में पहले से ही अंतरिम सरकारें मौजूद हैं।

यदि कार्यवाहक उम्मीदवारों की पसंद पर निवर्तमान पीएम या सीएम और विपक्ष के संबंधित नेताओं के बीच असहमति होती है, तो संविधान के अनुच्छेद 224 (ए) की भूमिका सामने आती है। कानून कहता है कि यदि निवर्तमान प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता नेशनल असेंबली के विघटन के तीन दिनों के भीतर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में किसे नियुक्त किया जाए, इस पर सहमत नहीं हो पाते हैं, तो वे प्रत्येक दो उम्मीदवारों को एक समिति में भेज देते हैं। आगे यही समिति कार्यवाहक प्रधानमंत्री का फैसला करती है और किसी विवाद के कारण ऐसा नहीं हुआ तो अंत में मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचता है।

Pakistan National Assembly Dissolved Know What Will Be the Next for Pakistan News in Hindi
पाकिस्तान में आम चुनाव कब होंगे?
नेशनल असेंबली भंग होने के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) भूमिका अहम हो जाती है। पाकिस्तानी कानून के मुताबिक, ईसीपी एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है। चुनाव की तैयारियों और आयोजन की जिम्मेदारी ईसीपी पर ही होती है। पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 के अनुसार, ईसीपी को असेंबली का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के 60 दिनों के भीतर या नेशनल असेंबली के जल्द भंग होने की स्थिति में 90 दिनों के भीतर आम चुनाव कराना होगा।

हालांकि, 2023 की जनगणना होने के बाद ईसीपी अब नए सिरे से परिसीमन के लिए कानूनी रूप से बाध्य है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिसीमन की प्रक्रिया में कम से कम चार महीने लगेंगे। यह भी कहा गया है कि ईसीपी को मतदाता सूची को अपडेट करने और अन्य संबंधित कदम उठाने की भी जरूरत होगी। इसका मतलब है कि पूरी कवायद अगले साल मार्च या अप्रैल तक के लिए स्थगित की जा सकती है।

निवर्तमान गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयानों ने भी संकेत दिए गए थे कि चुनाव 90 दिनों की संवैधानिक समय सीमा से अधिक विलंबित होंगे। हालांकि, कानूनों का हवाला देते हुए पाकिस्तानी विशेषज्ञ चुनावों में देरी से इनकार करते हैं। वकील अब्दुल मोइज जाफरी के अनुसार, ‘कोई भी चीज ईसीपी को कार्यवाहक जनादेश को 90 दिनों से अधिक विलंबित करने या बढ़ाने की अनुमति नहीं देती है।’

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news