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अगले साल से हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस होगी सेना, आईआईटी दिल्ली में बनी, डीआरडीओ की मिली मंजूरी

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डीआरडीओ ने इस स्वदेशी जैकेट के डिजाइन, तकनीक को विभिन्न स्तर के ट्रायल सफल होने के बाद मंजूरी दे दी है। दोनों जैकेट का आईआईटी की लैब के बाद चंडीगढ़ स्थित डीआरडीओ की रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) में हर स्तर पर जांच की गई।

भारतीय सेना अगले साल से हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस होगी। आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने डीआरडीओ की मांग पर दुनिया की पहली बीआईएस लेवल 6 और बीआईएस लेवल 5 की सबसे हल्की, मजबूत मेड इन इंडिया अभेद्य दो बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने में सफलता हासिल की है।डीआरडीओ ने इस स्वदेशी जैकेट के डिजाइन, तकनीक को विभिन्न स्तर के ट्रायल सफल होने के बाद मंजूरी दे दी है। दोनों जैकेट का आईआईटी की लैब के बाद चंडीगढ़ स्थित डीआरडीओ की रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) में हर स्तर पर जांच की गई। अब डीआरडीओ और आईआईटी इनके उत्पादन के लिए उद्योगों से आवेदन मंगाएंगे। इसके बाद ही इसकी कीमत तय होगी। उम्मीद है कि 2024 की शुरुआत में जैकेटें सेना को मिल जाएंगी।

पहली स्वदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट
आईआईटी दिल्ली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और डिपार्टमेंट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर नरेश भटनागर ने बताया कि बीआईएस लेवल 5 के तहत 8.2 किलोग्राम और बीआईएस लेवल 6 के तहत 9.5 किलो वजन की जैकेट तैयार की गई हैं। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने बताया कि नीति आयोग और डीआरडीओ के सहयोग से वर्ष 2020 में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया था। इसी के तहत पहली मेड इन इंडिया दो बुलेटप्रूफ जैकेट बनाई गई हैं। तीन सालों में डिजाइन और तकनीक में बदलाव होता रहा।

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