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अब हर मेडिकल कॉलेज को देना होगा सालभर का ब्योरा, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने तैयार किया मसौदा

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चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने हाल ही में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के साथ करार किया, जिसके तहत मेडिकल कॉलेजों में बेहतर गुणवत्ता की जिम्मेदारी क्यूसीआई को सौंपी गई है।

देश के सभी मेडिकल कॉलेजों को अब मरीजों का हिसाब देना होगा। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने मेडिकल कॉलेजों के लिए 59 पन्नों का मसौदा तैयार किया है, जिसके तहत सालभर में यहां आने वाले मरीजों का इलाज, जांचें, जन्म-मृत्यु समेत तमाम जानकारी उपलब्ध करानी होगी। इसी आधार पर कॉलेज को गुणवत्ता संबंधी क्वालिटी सर्टिफिकेट दिया जाएगा। चिकित्सा शक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने हाल ही में क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) के साथ करार किया, जिसके तहत मेडिकल कॉलेजों में बेहतर गुणवत्ता की जिम्मेदारी क्यूसीआई को सौंपी गई है। एनएमसी के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि क्यूसीआई ने मेडिकल कॉलेजों में गुणवत्ता सुधारने के लिए मसौदा तैयार किया है, जिस पर आपत्ति एवं सुझाव मांगे गए हैं। अगले शैक्षणिक सत्र से क्यूसीआई सभी मेडिकल कॉलेजों की गुणवत्ता की निगरानी रखेगा। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को लेकर समीक्षा की जाएगी, उसमें क्वालिटी सर्टिफिकेट का साथ होना जरूरी होगा।

देशभर में 704 मेडिकल कॉलेज 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 82 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो 2014 से पहले 387 से बढ़कर अब 704 हो गई है।

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