कैंसर, वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, साल-दर साल इस रोग का खतरा बढ़ता जा रहा है। कैंसर जानलेवा बीमारी है, दुर्भाग्यवश ज्यादातर मामलों में इसका पता ही तब चल पाता है जब रोग काफी गंभीर रूप ले चुकी होती है। पुरुषों में प्रोस्टेट और महिलाओं में ओवेरियन-ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे अधिक देखा जा रहा है। ये हर साल लाखों लोगों में मौत का कारण बन रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को कैंसर से बचाव के लगातार उपाय करते रहने चाहिए। जिन लोगों में इसके पहले से ही जोखिम कारक हैं, उन्हें विशेष सावधान रहने की आवश्यकता होती है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कुछ फलों-सब्जियों में भी एंटी-कैंसर प्रभाव हो सकते हैं, जिनका नियमित रूप से सेवन करना आपको इस गंभीर और जानलेवा बीमारी से बचाने में लाभकारी हो सकता है।
ब्रोकली से कम हो सकता है कैंसर का खतरा
क्या आप जानते हैं कि ब्रोकली कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ से भरपूर होती है? विशेषतौर पर इसे खास बनाती है इसमें मौजूद कैंसर रोधी गुण। ब्रोकली में सल्फोराफेन होता है, जो क्रूसिफेरस सब्जियों में पाया जाने वाला एक यौगिक है, इसे शक्तिशाली कैंसर विरोधी गुण वाला माना जाता है। सल्फोराफेन वाली चीजें स्तन कैंसर कोशिकाओं के आकार और संख्या को 75% तक कम सकती हैं।
गाजर से प्रोस्टेट कैंसर में लाभ
शोधकर्ताओं ने पाया कि गाजर भी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है, अध्ययनों से पता चला है कि गाजर खाने से कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। पांच अध्ययनों के विश्लेषण में पाया गया है कि गाजर खाने से। इसके अलावा गाजर का सेवन करने वाले लोगों में प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने की आशंका भी 18 फीसदी तक कम हो जाती है।
दालचीनी के एंटीकैंसर प्रभाव
दालचीनी को अध्ययनों में कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ वाला पाया गया है। रक्त शर्करा और शरीर में इंफ्लामेशन को कम करने में इसके सेवन से विशेष लाभ मिल सकता है। कि दालचीनी कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को रोकने में भी मदद कर सकती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दालचीनी का अर्क कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोक सकती है।