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पाकिस्तानी मूल के उपदेशक पर आतंकवाद के तीन मामले दर्ज, पिछले महीने लंदन पुलिस ने किया था गिरफ्तार

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मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि अंजेम चौधरी (56) को पिछले महीने ही पूर्वी लंदन स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। चौधरी पर आरोप है कि उसने प्रतिबंधित संगठन की सदस्यता ली हुई है। उस पर आरोप है कि वह प्रतिबंधित संगठन के समर्थन को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए आयोजनों को संबोधित करता है।

पाकिस्तानी मूल के एक ब्रिटिश नागरिक पर ब्रिटेन की एक अदालत ने आतंकवाद से संबंधित तीन अपराधों का आरोप लगाया है। आरोपी के खिलाफ अगले साल मई में मुकदमा शुरू होगा। आरोपी कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक है, जिसके पास दोहरी ब्रिटिश और पाकिस्तानी राष्ट्रीयता है।

पढ़िए क्या है पूरा मामला
मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि अंजेम चौधरी (56) को पिछले महीने ही पूर्वी लंदन स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। चौधरी पर आरोप है कि उसने प्रतिबंधित संगठन की सदस्यता ली हुई है। उस पर आरोप है कि वह प्रतिबंधित संगठन के समर्थन को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए आयोजनों को संबोधित करता है। वहीं, चौधरी पर आतंकवादी संगठन को निर्देशित करने का भी आरोप है। यूके की आतंकवाद अधिनियम 2000 के तहत उसके ऊपर केस दर्ज किया गया है। शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी को वीडियो के माध्यम से लंदन की ओल्डबेली अदालत में पेश किया।

अगले साल दोबारा कोर्ट में पेश
इसके अलावा, कनाडाई नागरिक पुलिस ने खालिद हुसैन (28) को भी आतंकवाद विरोधी गतिविधियों के तहत गिरफ्तार किया है। हुसैन पर आरोप है कि वह भी एक प्रतिबंधित संगठन में शामिल है। दोनों व्यक्ति फिलहाल हिरासत में हैं। उन्हें पांच जनवरी 2024 को किंगस्टन कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि आतंकवाद अधिनियम 2000 की धारा 41 के तहत गिरफ्तार किया गया है। वे फिलहाल हिरासत में हैं। 24 जुलाई तक उन्हें हिरासत में रखने की अनुमति मिली है। कहा जा रहा है कि हुसैन कनाडा में चौधरी के लिए काम किया करता था।

जानकारी साझा करने पर प्रतिबंध
सीपीएस काउंटर के निक प्राइस ने कहा कि पूरा मामला प्रतिबंधित संगठन अल मुहाजिरोन से संबंधित है। इस संगठन को इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी के नाम से भी जाना जाता है। चौधरी और हुसैन के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा रही है। सीपीसी का कहना है कि कोई भी रिपोर्टिंग, टिप्पणी या जानकारी ऑनलाइन साझा नहीं की जा सकती। अगर इससे कार्यवाही पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

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