उच्च सदन के कई सदस्यों के वैदिक शिक्षा से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए प्रधान ने कहा कि वेद भारतीय ज्ञान का आधार हैं और आधुनिक, मुख्यधारा शिक्षा प्रणाली के साथ वेद विद्या को जोड़कर भारतीय ज्ञान परंपरा को अगली पीढ़ी तक ले जाना सरकार की प्राथमिकता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को संसद को बताया कि सरकार वेद विद्या को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जल्द ही महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान के पांच क्षेत्रीय केंद्र स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय केंद्र चार धामों – बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ और रामेश्वरम और गुवाहाटी में बनेंगे।
उच्च सदन के कई सदस्यों के वैदिक शिक्षा से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए प्रधान ने कहा कि वेद भारतीय ज्ञान का आधार हैं और आधुनिक, मुख्यधारा शिक्षा प्रणाली के साथ वेद विद्या को जोड़कर भारतीय ज्ञान परंपरा को अगली पीढ़ी तक ले जाना सरकार की प्राथमिकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, देश में पहले वैदिक शिक्षा की कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं थी। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान को शिक्षा बोर्ड की ओर से मान्यता दी गई। वेद विद्या और संस्कृत शिक्षा बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग तक पहुंचनी चाहिए, यह इस सरकार की प्राथमिकता है। बोर्ड की स्थापना अगस्त 2022 में की गई थी। प्रधान ने संसद को बताया कि बोर्ड से संबद्ध 123 पाठशालाएं हैं, जिनमें 4,600 छात्र और 632 शिक्षक हैं। वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, कि वैदिक शिक्षा प्रणाली में फिलहाल एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सांसदों को वेद उपलब्ध कराने का दिया सुझाव
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय मंत्री को सुझाव दिया कि सभी मंत्री, सांसदों को वेदों का एक सेट उपलब्ध कराएं। उनके इस सुझाव पर मंत्री प्रधान ने उन्हें आश्वस्त किया कि जल्द ही उच्च सदन के सभी सदस्यों को वेदों की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएंगी।