हलफनामे में कहा गया है, सिसोदिया ने दिल्ली में थोक और खुदरा शराब व्यापार के एकाधिकार और गुटबाजी को सुविधाजनक बनाने के लिए उत्पाद शुल्क नीति में हेरफेर किया। वह दक्षिण भारत के आरोपी व्यक्तियों और अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया राष्ट्रीय राजधानी में शराब व्यापार पर एकाधिकार और गुटबाजी करने के लिए दक्षिण भारत के आरोपियों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल थे। सिसोदिया की जमानत याचिका के विरोध में दायर जवाबी हलफनामे में सीबीआई ने तर्क दिया है कि सिसोदिया ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के बारे में जनता की राय गढ़ी।
हलफनामे में कहा गया है, सिसोदिया ने दिल्ली में थोक और खुदरा शराब व्यापार के एकाधिकार और गुटबाजी को सुविधाजनक बनाने के लिए उत्पाद शुल्क नीति में हेरफेर किया। वह दक्षिण भारत के आरोपी व्यक्तियों और अन्य लोगों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल है। सीबीआई ने कहा, सिसोदिया ने अपनी पत्नी की बीमारी के आधार पर अस्थायी अंतरिम जमानत की मांग की है। यह नई बात नहीं है। उनका इलाज 23 साल से चल रहा है।
ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं करते
हलफनामे में यह भी कहा गया कि सिसोदिया ऐसे मामलों में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करते हैं क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं, पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं और पूछताछ में भी असहयोग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था।