प्रयागराज में जुमे पर माहौल शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए अटाला और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। सड़कों और छतों की ड्रोन कैमरों से निगरानी की गई तो गलियों में भी पुलिस का पहरा रहा। आरएएफ के जवान मल्टीसेल लांचर लेकर लगातार गश्त करते रहे। उधर, दंगा नियंत्रण उपकरणों से लैस पुलिस और पीएसी के जवान भी संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहे। मस्जिदों के आसपास विशेष चौकसी बरती गई। अटाला से लेकर नूरुल्लाहरोड तक 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात रहे। पिछले जुमे पर हुए बवाल के मद्देनजर एक दिन पहले ही अटाला, नूरुल्लाह रोड का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया था। शुक्रवार सुबह से चौकसी और बढ़ दी गई। अटाला में गोलपार्क चौराहे से लेकर शौकत अली रोड और नूरुल्लाह रोड पर सुबह से ही फोर्स ने गश्त करना शुरू कर दिया। मस्जिदों के आसपास पीएसी की टुकड़ियां तैनात की गई थीं। इसके साथ ही हर 50 मीटर के दायरे में पुलिस फोर्स को लगाया गया था। यहां दो-दो एसआई के नेतृत्व में 15 जवानों को मुस्तैद किया गया था।
इसके अलावा ऐसी हर टीम की निगरानी व नेतृत्व का जिम्मा एक-एक थाना प्रभारियों को सौंपा गया था। इसके लिए जिले भर के थानों की फोर्स तैनात की गई थी। दो-दो थाना प्रभारियों व उनके अधीन तैनात की गई सब इंस्पेक्टर व सिपाहियों की टीम को सीओ स्तर के अधिकारी लीड कर रहे थे। जिनमें जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों से बुलाए गए क्षेत्राधिकारी भी शामिल थे।
अटाला के ऊपर दिन भर मंडराते रहे ड्रोन कैमरे
उधर, अटाला क्षेत्र के ऊपर दिन भर ड्रोन कैमरे मंडराते रहे। पूरे क्षेत्र की निगरानी के लिए कुल चार ड्रोन कैमरों का इंतजाम किया गया था। इन कैमरों से सड़कों के साथ ही क्षेत्र में स्थित घरों की छतों पर नजर रखी गई। पिछली बार के बवाल में छतों से भी पथराव की बात सामने आई थी।
पिछले बवाल को देखते हुए इस बार अटाला व आसपास के क्षेत्रों की गलियों पर पुलिस की विशेष नजर रही। गौरतलब है कि पिछली बार उपद्रवियों ने छिपने के लिए गलियों का ही सहारा लिया था। वह अचानक गलियों से निकलकर शौकत अली रोड पर आते और पुलिस पर पत्थरबाजी करने के बाद दोबारा गलियों में जाकर छिप जाते थे। ऐसे में इस बार गलियों में विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। एक-एक गली में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। गलियों में रहने वालों को निर्देशित किया गया था कि बहुत जरूरी होने पर ही वह घर से निकलें। उधर एक गली से दूसरी गली तक जाने वाले रास्तों पर भी असलहों से लैस जवानों की फोर्स तैनात की गई थी।
हर तरफ भारी फोर्स की तैनाती के चलते शौकत अली रोड समेत अटाला व आसपास के इलाकों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। आसपास के इलाकों में रहने वाले भी घरों में ही कैद रहे। कई घर ऐसे भी थे जहां पिछले जुमे पर बवाल के बाद ही ताला लगाकर लोग चले गए थे। इन घरों में शुक्रवार को भी ताला लटका रहा। ऐसे में दिन भर सन्नाटा ही पसरा रहा। यह सन्नाटा पैदल गश्त करते जवानों के बूटों की धमक और अफसरों की गाड़ियों के हूटर की आवाज से ही रह-रहकर टूटता रहा।
हर तरफ भारी फोर्स की तैनाती के चलते शौकत अली रोड समेत अटाला व आसपास के इलाकों में सुबह से ही सन्नाटा पसरा रहा। आसपास के इलाकों में रहने वाले भी घरों में ही कैद रहे। कई घर ऐसे भी थे जहां पिछले जुमे पर बवाल के बाद ही ताला लगाकर लोग चले गए थे। इन घरों में शुक्रवार को भी ताला लटका रहा। ऐसे में दिन भर सन्नाटा ही पसरा रहा। यह सन्नाटा पैदल गश्त करते जवानों के बूटों की धमक और अफसरों की गाड़ियों के हूटर की आवाज से ही रह-रहकर टूटता रहा।
शुक्रवार को अटाला में डीएम-एएसपी समेत पूरा प्रशासनिक अमला जुटा रहा। प्रयागराज और आसपास के जनपदों को मिलाकर कुल 16 पुलिस अफसरों की तैनाती की गई थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में प्रशासनिक अफसर भी मुस्तैद रहे। डीएम संजय कुमार खत्री व एसएसपी अजय कुमार समेत अन्य अफसर लगातार क्षेत्र का भ्रमण करते रहे।