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संसद में आज फिर घमासान के आसार, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा संयुक्त विपक्ष

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संसद के मानसून सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है। मणिपुर हिंसा पर मंगलवार को लगातार चौथे दिन हंगामा जारी रहने पर सरकार ने सुलह की उम्मीद छोड़कर तेजी से विधायी कामकाज निपटाने का फैसला किया है।

संसद में जारी गतिरोध के बीच 26 विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ ने मोदी सरकार के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता अधीररंजन चौधरी ने कहा कि नोटिस का मसौदा तैयार है और बुधवार सुबह 10 बजे इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। मसौदे पर जरूरी 50 सांसदों के हस्ताक्षर लेने की प्रक्रिया चल रही है।

कांग्रेस ने भी लोकसभा में अपने सदस्यों को कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा के लिए सुबह 10:30 बजे तक अपने संसदीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए व्हिप जारी किया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन-इंडिया के सांसदों की मंगलवार सुबह हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया।

सरकार ने विपक्ष से सुलह की उम्मीद छोड़ी, विधायी कार्य निपटाने में जुटी
मणिपुर हिंसा पर मंगलवार को लगातार चौथे दिन हंगामा जारी रहने पर सरकार ने सुलह की उम्मीद छोड़कर तेजी से विधायी कामकाज निपटाने का फैसला किया है। इसके तहत विपक्ष के हंगामे और बहिष्कार के बीच मंगलवार को दोनों सदनों में सरकार ने सहकारी सोसायटी बिल समेत तीन विधेयक पारित कराए।

किसी भी नियम के तहत करा लें चर्चा…
इस बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीररंजन चौधरी को पत्र लिखकर कहा कि मणिपुर पर सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा को तैयार है। लोकसभा में सहकारी सोसायटी विधेयक पर चर्चा के दौरान शाह ने कहा, सरकार किसी भी नियम के तहत कितनी भी लंबी चर्चा के लिए तैयार है। विपक्ष अगर वाकई इस मुद्दे पर  गंभीर है, तो उसे सरकार का प्रस्ताव मानना चाहिए और मणिपुर हिंसा पर चर्चा करनी चाहिए। विपक्ष को चर्चा से मुंह छिपाने के बदले सरकार की चुनौती स्वीकार करनी चाहिए। लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच सरकार ने दो विधेयक पास कराए। बड़ी बात यह रही कि लोकसभा और राज्यसभा में बसपा, एआईएमआईएम, वाईएसआरसीपी और बीजद जैसे विपक्षी दलों ने चर्चा में हिस्सा लिया।

लोगों को मणिपुर हिंसा के संबंध में जानने का हक
विपक्ष की न तो सहकारिता में दिलचस्पी है, न ही दलितों व गरीबों में। वे बस विरोध के नाम पर राजनीति करते हैं। सरकार पहले दिन से ही मणिपुर पर चर्चा को तैयार है। यह संवेदनशील मामला है। लोगों को इस संबंध में जानने का हक है। -अमित शाह

सहकारी सोसायटी बिल समेत तीन विधेयक पारित कराए
संसद में गतिरोध खत्म करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पहल के बाद मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक भी बेनतीजा रही। लोकसभा में हंगामे के बीच जैव विविधता संशोधन विधेयक, बहुराज्य सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक और राज्यसभा में विपक्ष की अनुपस्थिति में अनुसूचित जातियां आदेश संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया।

बसपा, ओवैसी का रुख अलग
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम, बसपा, बीजद और वाईएसआरसीपी ने विपक्ष से अलग रुख रखा और चर्चा पर जोर दिया। सूत्र बताते हैं, इन पार्टियों ने बहस के दौरान सिर्फ प्रधानमंत्री की उपस्थिति की मांग की और कहा, अगर पीएम चाहें तो बयान दें। ओवैसी ने कहा कि चर्चा होनी चाहिए।

सरकार दिल्ली सेवा अध्यादेश से जुड़ा विधेयक पेश करने को तैयार
केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली सेवा अध्यादेश का स्थान लेने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में विधेयक को मंजूरी दी गई। विधेयक बुधवार को संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। दिल्ली में समूह-ए अधिकारियों के तबादले और तैनाती के लिए प्राधिकरण बनाए जाने के लिए अध्यादेश जारी किया गया था। जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, तो कैबिनेट की सलाह पर राष्ट्रपति की ओर से अध्यादेश जारी किया जाता है। जब संसद सत्र शुरू होता है, तो छह सप्ताह में अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए विधेयक पारित कराना जरूरी होता है।

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