गांवों के 1894373 नागरिक प्रभावित, नौ लोगों की मौत
असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में लगातार हो रही बरसात के चलते बाढ़ और भूस्खलन से सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इस वर्ष एक महीने बाद दूसरी बार आई बाढ़ ने लोगों को बुरी तरह से डरा दिया है। राज्य के 28 जिलों में बाढ़ का कहर लोगों पर बरपा है।
बाढ़ के कारण सड़क और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में संपर्क व्यवस्था पूरी तरह से कट गया है। असम की राजधानी गुवाहाटी समेत कई शहरों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी 20 जून तक हल्की से भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।
लगातार बरसात के चलते राज्य में मानस, पगलादिया, पुथिमारी, जिया भराली औऱ ब्रह्मपुत्र आदि नदियां कई इलाकों में खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। असम के कई जिलों में नदियों के किनारे बने तट बंध टूट गये हैं, जिसके चलते भारी तबाही की स्थिति पैदा हो गयी है। कार्बी आंगलोंग में स्थित जल विद्युत प्रकल्प से छोड़े गये पानी के कारण कपिली नदी नगांव जिला के कामपुर और होजाई जिलाके में तबाही मचा रही है। वहीं डिमा हसाउ जिला अभी तक पहली बार की बाढ़ से उबरा भी नहीं था कि फिर से हालात बेहद खराब हो गये हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से शुक्रवार देररात को जारी सूचना के अनुसार राज्य के 28 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें बजाली, बाक्सा, बरपेटा, बिश्वनाथ, बंगाईगांव, चिरांग, दरंग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, डिमा-हसाउ, ग्वालपारा, होजाई, कामरूप, कामरूप (मेट्रो), कार्बी आंगलोंग वेस्ट, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, शोणितपुर, दक्षिण सालमारा, तामुलपुर, तिनसुकिया और उदालगुरी जिला शामिल हैं। बजाली, बरपेटा, दरंग, ग्वालपारा, कामरूप (मेट्रो), कोकराझार, नलबारी, उदालगुरी जिला शहरों में भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। गत एक सप्ताह से राजधानी गुवाहाटी के लगभग 60 प्रतिशत हिस्से के लोग भारी जल जमाव से जूझ रहे हैं।
राज्य के 28 जिलों के 96 राजस्व मंडल के 2930 गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से राज्य की कुल 1894373 जनसंख्या प्रभावित हुई है। इनमें 351798 बच्चे और 699144 महिलाएं शामिल हैं। वहीं बाढ़ के चलते 43338.39 हेक्टेयर फसल क्षेत्र भी पानी में डूब गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में कुल 373 राहत शिविर स्थापित किये हैं। वहीं 232 राहत वितरण केंद्रों के साथ कुल 605 राहत शिविर स्थापित किये गये हैं। राहत शिविरों में कुल 108104 लोग रहे हैं। इनमें 48442 पुरुष, 39376 महिला, 19635 बच्चे, 605 गर्भवती/स्तनपान कराने वाली महिलाएं तथा 46 दिव्यांग व्यक्ति शामिल हैं।
बाढ़ और भूस्खलन के चलते कुल 9 व्यक्तियों की मौत हुई है। इनमें 6 पुरुष, एक महिला और दो बच्चे शामिल हैं। वहीं एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में गायब बताया गया है। बाढ़ से इंसानों के साथ ही पालतु पशु भी प्रभावित हुए हैं। प्रभावित पशुओं की कुल संख्या 1769009 बतायी गयी है। इनमें 813769 बड़े, 382758 छोटे और 572482 कुक्कुट शामिल हैं। बाढ़ में कुल 410 जानवर बह गये। इनमें 10 छोटे और 400 कुक्कुट शामिल हैं।
बाढ़ के दौरान 23 कच्चे मकान और 2 पक्के मकान समेत कुल 25 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं आंशिक रूप से 22 कच्चे, आंशिक रूप से 36 पक्के मकान समेत कुल 258 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं 132 पशुओं के शेड भी नष्ट हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा कुल 156 नावें तैनात की गयी हैं। नावों के जरिए बाढ़ में फंसे कुल 641 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस कड़ी में 1818 पशुओं को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों से नाव के जरिए निकाला गया है। प्रभावित इलाकों में प्रशासन ने कुल 99 मेडिकल टीमें तैनात की हैं। राहत कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अग्निशमन विभाग, असम पुलिस, जिला प्रशासन के साथ ही अन्य एजेंसियां भी लगातार कार्य कर रही हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के बीच बीते गुरुवार को विभिन्न प्रकार की भोजन सामग्रियों का वितरण किया गया, जिसमें चावल 4576.08 क्विंटल, दाल 1452.75 क्विंटल, नमक 389.84 क्विंटल, सरसों का तेल 15589.66 लीटर, मवेशी का चारा- गेहूं का चोकर 9968.91 क्विंटल शामिल है। भारी बारिश के चलते कामरूप (मेट्रो) जिला, डिमा हसाउ समेत अन्य कई जिलों में शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश प्रशासन की ओर से जारी किया गया है।