अटाला बलाव के मामले में प्रशासन अब इंतजार करने की नीति पर अमल करता दिख रहा है। ध्वस्तीकरण तथा अन्य कार्रवाइयों को लेकर प्रशासन का रुख कुछ हद तक नरम हुआ है लेकिन बवाल में शामिल लोगों के खिलाफ पुलिस की सख्ती जारी रहेगी। इसके अलाव तनाव को देखते हुए अभी पुराने शहर को जोन एवं सेक्टर में बांटकर निगरानी भी रखी जाएगी।
जुमे की नमाज के बाद बवाल की आशंका को देखते हुए मंडलायुक्त, डीआईजी, डीएम, एसएसपी समेत अन्य अफसर संवेदनशील इलाकाें में भ्रमण कर करते रहे। कहीं से भी अप्रिय घटना की शिकायत नहीं रही। इससे प्रशासन ने राहत महसूस की है लेकिन पूरे क्षेत्र में अफसरों की ड्यूटी लगी रहेगी। साथ में फोर्स भी तैनात रहेगी। हालांकि, ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर प्रशासन का रुख नरम हुआ है।
मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद की पत्नी का घर गिराने के बाद से ही प्रशासन ने संकेत दे दिया था कि अब इस तरह की कार्रवाई पर वेट एंड वाच की नीति अपनाई जाएगी। शुक्रवार को माहौल शांतिपूर्वक रहने के बाद प्रशासन ने एक बार फिर इस नीति पर चलने की बात कही है। मंडलायुक्त संजय गोयल का कहना है कि स्थिति का अध्ययन किया जा रहा है।
इसके अलावा कई प्रकरण न्यायालय में भी हैं। इसलिए आगे की स्थिति को देखते हुए ही ध्वस्तीकरण तथा इस तरह की अन्य कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि घटना की जांच तथा पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। संवेदनशील इलाकों पर हमेशा नजर रहेगी और फोर्स भी तैनात रहेगी।
अटाला में आठवें दिन भी दुकानें रहीं बंद
अटाला में लगातार आठ दिनों से सबकुछ ठप है। शुक्रवार को भी तीन-चार दुकानें ही खुलीं। जुमे की नमाज के बाद नुरुल्ला रोड समेत अन्य बाजार में दुकानें खुल गईं थीं लेकिन अटाला में तनाव और खौफ बना रहा। इसकी वजह से वहां लाखों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ और सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी का संकट खड़ा हो गया है।
पिछले शुक्रवार को बवाल के बाद से अटाला तथा आसपास के बाजार में दुकानों के शटर गिर गए थे। करेली अन्य क्षेत्रों में तनाव बना हुआ है लेकिन एक दिन बाद दुकानें खुल गईं थीं। नुरुल्ला रोड पर भी 50 फीसदी से अधिक दुकानें खुलने लगीं थीं लेकिन अटाला में अब भी सन्नाटा पसरा हुआ है। बवाल की आशंका को देखते हुए इस शुक्रवार को भी पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहा। इसकी वजह से ज्यादातर बाजार में दुकानें नहीं खुलीं। हालांकि, जुमे की नमाज के बाद करीब तीन बजे के बाद करेली, नुरुल्ला रोड आदि क्षेत्रों में दुकानें खुलने लगीं थीं।
आवागमन भी सामान्य होने लगा था लेकिन तनाव को देखते हुए अटाला में स्थिति सामान्य होने में अभी वक्त लग सकता है। शुक्रवार को पूरे मार्ग पर सिर्फ चार दुकानें खुली रहीं लेकिन उन पर भी सन्नाटा रहा। पेट्रोल पंप पर सुरक्षा कर्मियों, पीस कमेटी के लोगों के वाहन खड़े थे। इतना ही नहीं अटाला रोड से जुड़ने वाली गलियों में भी सन्नाटा रहा। एक-दो दुकानें ही खुली रहीं।
तनाव एवं दशहत का इस कदर माहौल है कि लोग घरों से भी नहीं निकल रहे। हालांकि, शुक्रवार को शांति बनी रहने से वहां भी लोगों में एक-दो दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जगी है। बड़ी मस्जिद के पास के जुबैद, नुरुल्ला रोड के मोहम्मद अफरोज ने उम्मीद जताई कि ऐसे ही शांति बनी रही तो एक-दो दिनों में हालात सामान्य होने लगेंगे।