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स्विट्जरलैंड में एक तेज तूफान के कारण पहाड़ी इलाकों में काफी नुकसान हो गया। तूफान के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही पहाड़ी इलाकों पर बने कई घर भी तूपान के कारण तबाह हो गए। Trending Videos कार, घर और पेड़-पौधे सब क्षतिग्रस्त स्विट्जरलैंड के एक अधिकारी ने बताया कि देश के उत्तर-पश्चिमी इलाके में सोमवार को एक तेज तूफान आया था। तूफान के कारण न्यूचैटेल क्षेत्र में जुरा की पहाड़ियों पर बसे ला चाक्स-डी-फोंड्स शहर काफी प्रभावित हुआ। न्यूचैटेल पुलिस का कहना है कि रेलवे स्टेशन के पास क्रेन गिरने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि, कई लोग घायल हो गए। तूफान के कारण कई गाड़ियों क्षतिग्रस्त हो गईं। घरों की छतें टूट गईं। पेड़ उखड़ गए। कई फर्नीचर उड़ गए। घरों में रहने की अपील अधिकारियों के अनुसार, 217 किलोमीटर (135 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान दर्ज किया गया। तूफान क्षेत्र में पहुंचते ही अधिक खतरनाक हो गया था। बचाव और सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि वे घरों में ही रहें। घर से बाहर न ही निकलें। तूफान के दोबारा आने की आशंका है। अमेरिका में लोगों को धूप से फफोले यूरोप के कई देशों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी लोगों की जान ले रही है। इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, ग्रीस, तुर्किये और स्विट्जरलैंड जैसे देश लू से परेशान हैं। यहां बिना पंखे-एसी वाले लोग कपड़े भिगोकर अपने दिन काट रहे हैं। दक्षिणी यूरोप में लू को लेकर ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यूरोप में भीषण गर्मी का कहर अभी एक महीने और रहने वाला है। वहीं, अमेरिका के सबसे गर्म शहरों में से एक एरिजोना के फीनिक्स में कई लोगों को फुटपाथ पर बैठने की वजह से फफोले पड़ गए हैं। यहां गर्मी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। कई लोग अपनी कार की सीट पर बैठने से झुलस गए। वहीं, कई लोगों ने सप्लाई के पानी से फफोले पड़ने की शिकायत की है। कैलिफोर्निया सिटी काउंसिल की बहस में दलित कार्यकर्ता की मौत कैलिफोर्निया असेंबली में पिछले दिनों जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक के विरोधी एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी दलित कार्यकर्ता की क्यूपर्टिनो में सिटी काउंसिल की बहस के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। नेपाल में अवैध गोला-बारूद ले जाने पर भारतीय नागरिक गिरफ्तार बिहार के रहने वाले मुरारी कुमार (22) को सोमवार को नेपाल में अवैध 19 राउंड गोलियां ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सुरक्षा जांच के दौरान पुलिस को बैग से गोलियां बरामद होने के बाद वह उसे छोड़कर भाग गया। बाद में पुलिस कर्मियों की एक संयुक्त टीम ने उस्विट्जरलैंड में एक तेज तूफान के कारण पहाड़ी इलाकों में काफी नुकसान हो गया। तूफान के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके साथ ही पहाड़ी इलाकों पर बने कई घर भी तूपान के कारण तबाह हो गए। Trending Videos कार, घर और पेड़-पौधे सब क्षतिग्रस्त स्विट्जरलैंड के एक अधिकारी ने बताया कि देश के उत्तर-पश्चिमी इलाके में सोमवार को एक तेज तूफान आया था। तूफान के कारण न्यूचैटेल क्षेत्र में जुरा की पहाड़ियों पर बसे ला चाक्स-डी-फोंड्स शहर काफी प्रभावित हुआ। न्यूचैटेल पुलिस का कहना है कि रेलवे स्टेशन के पास क्रेन गिरने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि, कई लोग घायल हो गए। तूफान के कारण कई गाड़ियों क्षतिग्रस्त हो गईं। घरों की छतें टूट गईं। पेड़ उखड़ गए। कई फर्नीचर उड़ गए। घरों में रहने की अपील अधिकारियों के अनुसार, 217 किलोमीटर (135 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान दर्ज किया गया। तूफान क्षेत्र में पहुंचते ही अधिक खतरनाक हो गया था। बचाव और सफाई अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने जनता से आग्रह किया है कि वे घरों में ही रहें। घर से बाहर न ही निकलें। तूफान के दोबारा आने की आशंका है। अमेरिका में लोगों को धूप से फफोले यूरोप के कई देशों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी लोगों की जान ले रही है। इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, ग्रीस, तुर्किये और स्विट्जरलैंड जैसे देश लू से परेशान हैं। यहां बिना पंखे-एसी वाले लोग कपड़े भिगोकर अपने दिन काट रहे हैं। दक्षिणी यूरोप में लू को लेकर ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यूरोप में भीषण गर्मी का कहर अभी एक महीने और रहने वाला है। वहीं, अमेरिका के सबसे गर्म शहरों में से एक एरिजोना के फीनिक्स में कई लोगों को फुटपाथ पर बैठने की वजह से फफोले पड़ गए हैं। यहां गर्मी ने 50 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। कई लोग अपनी कार की सीट पर बैठने से झुलस गए। वहीं, कई लोगों ने सप्लाई के पानी से फफोले पड़ने की शिकायत की है। कैलिफोर्निया सिटी काउंसिल की बहस में दलित कार्यकर्ता की मौत कैलिफोर्निया असेंबली में पिछले दिनों जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक के विरोधी एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी दलित कार्यकर्ता की क्यूपर्टिनो में सिटी काउंसिल की बहस के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। नेपाल में अवैध गोला-बारूद ले जाने पर भारतीय नागरिक गिरफ्तार बिहार के रहने वाले मुरारी कुमार (22) को सोमवार को नेपाल में अवैध 19 राउंड गोलियां ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सुरक्षा जांच के दौरान पुलिस को बैग से गोलियां बरामद होने के बाद वह उसे छोड़कर भाग गया। बाद में पुलिस कर्मियों की एक संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

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बीते हफ्ते बोलिविया के रक्षा मंत्री एडमंडो नोविलो के ईरान दौरे के बीच दोनों देशों में कुछ समझौते हुए थे। इसके बारे में ज्यादा जानकारी जारी नहीं की गई।

अमेरिका की ओर से ईरान पर बीते चार वर्षों में लगाए प्रतिबंधों का असर अब भी दिखना बाकी है। हालांकि, इस बीच कई देशों ने अमेरिका को किनारे कर ईरान से व्यापार और समझौते करना जारी रखा है। इनमें नया नाम दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया का है, जिसने गुपचुप तरीके से ईरान के साथ कुछ समझौते किए हैं। अभी तक यह साफ नहीं है कि यह डील किस तरह की है। हालांकि, इसे लेकर पश्चिमी देशों ने चिंता जाहिर की है। बोलिविया के एक और पड़ोसी अर्जेंटीना ने तो इस पर जवाब भी मांगा है।

क्या है पूरा मामला?
बताया गया है कि पिछले हफ्ते बोलिविया के रक्षा मंत्री एडमंडो नोविलो के ईरान दौरे के बीच दोनों देशों में कुछ समझौते हुए थे। इसके बारे में ज्यादा जानकारी जारी नहीं की गई। हालांकि, बोलिविया के पड़ोसी अर्जेंटीना ने इस पर चिंता जाहिर की है। अर्जेंटीना के विदेश मंत्री ने ब्यूनस आयर्स में मौजूद बोलिविया के दूतावास से ईरान के साथ समझौते की जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि अर्जेंटीना और ईरान के रिश्ते लंबे समय से खराब हैं। अर्जेंटीना में वकीलों का आरोप है कि 1994 में ब्यूनस आयर्स में एएमआईए यहूदी सामुदायिक केंद्र में बमबारी के पीछे ईरानी अधिकारियों का हाथ रहा था। इन हमलों में 85 लोगों की जान चली गई थी। हालांकि, ईरान इन हमलों में हाथ होने की बात से इनकार करता रहा है।

ईरान से समझौते पर घर में ही घिरी बोलिविया सरकार
अर्जेंटीना की तरफ से बोलिविया दूतावास को यह नोट ऐसे समय में भेजा गया है, जब बोलिविया की सरकार अपने देश में ही इस समझौते को लेकर घिरी है। विपक्षी पार्टियों के कई सांसदों ने सरकार से 20 जुलाई को हुए समझौते की जानकारी मांगी है। विपक्ष ने पूछा है कि आखिर क्यों सरकार ने एक ऐसे देश के साथ समझौता किया है, जिसके साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई जटिलताएं हैं। वह भी तब जबकि बोलिविया के संविधान के तहत वह हमेशा शांतिपसंद देश के तौर पर रहेगा। विपक्ष ने मांग की है कि रक्षा मंत्री संसद में इस समझौते की जानकारी दें।ईरान-बोलिविया में किस तरह का समझौता?
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA के मुताबिक, ईरानी रक्षा मंत्री मोहम्मद रजा अश्तियानी ने बोलिविया के रक्षा मंत्री के साथ रक्षा और सुरक्षा से जुड़े एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। ईरानी मंत्री ने कहा था कि लातिन अमेरिकी देश ईरान की विदेश और रक्षा नीति में खास जगह रहते हैं और हम दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र की अहमियत के प्रति संवेदनशील हैं।

दूसरी तरफ बोलिविया के रक्षा मंत्री ने अब तक समझौतों को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। इस पर विपक्ष ने उन्हें घेरते हुए कहा कि कल को कोई कहेगा कि ईरान ने हमें ड्रोन्स दिए। कोई कहेगा ईरान हमें मिसाइल दे रहा है। यह सब बड़ा अजीब लगता है, खासकर जब इसमें ईरान जुड़ा है। हमें समझ नहीं आता कि बोलिविया इतनी जटिल परिस्थितियों में क्यों उलझ रहा है। हालांकि, सरकार से जुड़े सांसद का कहना है कि बोलिविया के पास ऐसे समझौते करने का पूरा अधिकार है। अमेरिका सबसे खतरनाक देशों में से है, इसलिए हमें अपने साथियों को चुनने का पूरा अधिकार है।

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