मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा, केंद्र सरकार ने मिजोरम सरकार को निर्देश दिया था कि म्यांमार के सभी शरणार्थियों को वापस भेज दिया जाए, लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया।
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने कहा कि भले ही भाजपा राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सहयोगी हो, लेकिन इसका इसका अर्थ यह नहीं है कि एमएनएफ केंद्र की एनडीए सरकार की हर नीति से सहमत है। उन्होंने आइजोल में कहा, न तो राज्य सरकार और न ही एमएनएफ एनडीए से डरता है। हम एनडीए के साथ हैं, लेकिन उनकी हर नीति के समर्थक नहीं हैं।
जोरमथांगा ने कहा, केंद्र सरकार ने मिजोरम सरकार को निर्देश दिया था कि म्यांमार के सभी शरणार्थियों को वापस भेज दिया जाए, लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया। मैंने विधानसभा को बताया कि हम उन्हें (म्यांमार के शरणार्थियों को) वापस नहीं भेज रहे हैं, बल्कि उन्हें आश्रय और खाना देंगे। भाजपा और एमएनएफ विकास के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन जो भी भाजपा कहे हम उसकी हिमायत नहीं करेंगे।
समान नागरिक संहिता नस्ली अल्पसंख्यक के हितों के खिलाफ…
जोरमथांगा ने चार जुलाई को विधि आयोग को पत्र लिखकर समान नागरिक संहिता को देश के सभी नस्ली अल्पसंख्यक और खासकर मिजो लोगों के हितों के खिलाफ बताया था। उन्होंने कहा, एमएनएफ सिर्फ तभी तक एनडीए के कार्यक्रमों और नीतियों का साथ देगा जबतक वे जनता और खासकर देश के नस्ली अल्पसंख्यकों के हित में होंगी।
सीएम ने यह भी घोषणा की कि मणिपुर में जो समुदाय के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शन में उनकी पार्टी भी शामिल होगी। इस अवसर पर पार्टी का दफ्तर बंद रहेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा।
