जब किसी टूर्नामेंट के नॉक आउट दौर में पहुँचने के लिए सभी मैच जीतने हों और वो भी बड़े अंतर से तो चैंपियंस कैसे खेलते हैं?
रविवार को मुंबई में खेले गए मैच में इसकी एक झलक देखने को मिली जब चेन्नई सुपरकिंग्स 91 रनों की बड़े अंतर से जीत कर बॉटम-2 से बाहर निकली. (अब वहाँ मुंबई के साथ कोलकाता का बसेरा है.)
दिल्ली के साथ मुक़ाबले में चेन्नई ने अपना वही अंदाज़ दिखाया, जिसकी वजह से उसके करोड़ों फ़ैन्स हैं.
सुपर संडे को खचाखच भरे स्टेडियम में और लाखों की संख्या में ऑनलाइन देखते धोनी के फ़ैन्स को वो सब कुछ मिला जिसे, देखने वो बड़ी संख्या में स्टेडियम और अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ पर टिके थे.
पहले चेन्नई की टीम ने एक बड़ा स्कोर खड़ा किया और ख़ुद धोनी का बल्ला भी क्या खूब चला. धोनी ने आठ गेंद में 21 रन बनाए. इनमें दो छक्के और एक चौका शामिल हैं.
इस जीत में सभी सदस्यों समेत दो खिलाड़ी सबसे बड़े हीरो रहे. पहले डेवोन कॉनवे ने अपने बेबाक अंदाज में रन बनाए फिर मोइन अली ने अपनी गेंदों से दिल्ली की कमर तोड़ दी.
लेकिन शुरुआत धोनी की उन बातों से जो वे मैच के बाद बोले.
मैच के बाद धोनी की गेंदबाज़ों को नसीहत
जब धोनी बतौर कप्तान इस जीत पर बात करने आए तो उन्होंने कहा कि “जीत मिली लेकिन कुछ पहले ही मिल जानी चाहिए थी. ये एक बढ़िया मैच था. बल्लेबाज़ों ने अच्छा प्रदर्शन किया. टॉस जीत कर पहले फील्डिंग करना चाहता था लेकिन ऐसे मैच में आप टॉस हारना चाहेंगे.”
“गेंदें रुक-रुक कर आ रही थीं. जिस तरह ओपनर्स खेले, स्कोरबोर्ड पर टंगे रनों ने मदद की. हमें ये सुनिश्चित करना था कि विपक्षी टीम के बिग हिटर न चल पाएं.”
“सिमरजीत और मुकेश को परिपक्व होने में अभी समय लगेगा. हर कोई तैयार होने में अलग-अलग समय लेता है.”
“खेल की समझ सबसे अहम है, ये पता होना चाहिए कि गेंद कैसे डालनी है और कौन सी गेंद नहीं डालनी हैं. गेंद कौन सी नहीं डालनी है, ये टी20 में सबसे अहम है.”
धोनी ने कॉनवे को भी दिया था मंत्र
मैच के बाद जब डेवोन कॉनवे से बात की जा रही थी तो उन्होंने बताया कि रविवार को उनकी पारी में कप्तान धोनी का भी बड़ा किरदार था.
कॉनवे बोले, “पिछले मैच में मैंने कई बार स्वीप शॉट लगाए थे और ऐसे ही एक स्वीप शॉट खेलने में आउट हो गया था. आज धोनी ने कहा था कि उन्हें लगता है दिल्ली के गेंदबाज़ उन्हें फुल लेंथ गेंदें डालेंगे. तो ऐसी गेंदों पर जब संभव हो आगे बढ़ कर स्ट्रेट ड्राइव लगाने की सलाह उन्होंने दी थी. तो उन्होंने मुझे एक सुझाव दिया और मैंने उस पर अमल करने की कोशिश की.”
कॉनवे के फ़िफ़्टी की हैट्रिक
डेवोन कॉनवे लगातार तीसरी बार 50 से अधिक रन बनाए. ऐसा लगने लगा है कि अर्धशतक बनाना उनके बाएं हाथ का खेल है. बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी करते भी हैं और पहले भी टेस्ट मैच हो या टी20 मैच अर्धशतक के लगातार फ़िफ़्टी बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. तो यहाँ भी उनके अर्धशतकों का रिकॉर्ड देखने को मिल सकता है!
लगता है उन्होंने अपने साथी ओपनर ऋतुराज गायकवाड़ को ये कह दिया था कि स्पीनर्स उनकी पसंद हैं और पावरप्ले के दौरान ऋतुराज उन्हें बार बार स्ट्राइक देते दिखे.
अक्षर पटेल की गेंद पर कॉनवे ने दो बार स्ट्रेट ड्राइव छक्का लगाया तो जब कुलदीप आए तो 6, 6, 4 से उनका स्वागत किया.
मैच के बाद कॉनवे बोले, “मेरा फ़ोकस ऋतुराज से बात करते हुए और योजना के मुताबिक़ स्कोर करते हुए इसे आसान बनाने का था. माइकल हसी के साथ उनके गेंदबाज़ों और पिच के बारे में बातचीत हुई थी. ऋतुराज के साथ साझेदारी हुई, मै ख़ुश था. जिस तरह से वह बैटिंग कर रहे हैं, उससे मेरा काम आसान हो गया. मैं सभी फॉर्मेट में खेलता हूँ. पॉजिटिव रहते हुए और स्थिति का आकलन करते हुए खेलता हूँ.”
रविवार को कॉनवे ने 87 रन बनाए, इससे पहले की दो पारियों में 56 और नाबाद 85 रन बना चुके हैं.
कॉनवे आईपीएल-15 में अब तक केवल 4 मैच खेले हैं. 231 रन बना चुके हैं. 77 का उनका बैटिंग औसत, आईपीएल-15 के किसी भी बैटर से बेहतर है. ऑरेंज कैप के दावेदार जॉस बटलर (61.80) और केएल राहुल (50.11) भी इस मामले में उनसे बहुत पीछे हैं.
चेन्नई की पारी में अंतिम ओवरों में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला भी ख़ूब चला. दूसरे छोर से विकेटें तेज़ी से गिर रही थीं लेकिन धोनी तेज़ी से रन बटोरने में लगे थे.
मोइन-मुकेश
ऐसा नहीं है कि केवल स्कोबोर्ड पर बड़े लक्ष्य को देख कर ही दिल्ली के बल्लेबाज़ों के क़दम लड़खड़ा गए, चेन्नई के गेंदबाज़ों ने भी अपना पूरा शिकंजा कस दिया था. डेविड वॉर्नर और श्रीकर भारत के आउट होने के बाद मोइन अली लाए गए.
उनकी 24 गेंदों में से 16 गेंदें डॉट गईं और ख़तरनाक हो रहे मिशेल मार्श को आउट करने से लेकर कप्तान रिषभ पंत और रिपल पटेल को आउट करने तक उन्होंने केवल सात गेंदें लीं. इस प्रदर्शन की बदौलत मैन ऑफ़ द मैच बने.
अपने चार ओवरों में तीन विकेट लेने वाले मोइन अली की गेंदों पर दिल्ली के बल्लेबाज़ों का रन बनाना मुश्किल हो रहा था.
इसका फ़ायदा मुकेश चौधरी ने भी उठाया जब पंत और रिपल के आउट होने के बाद अगले ही ओवर में उन्होंने पहले अक्षर पटेल की गिल्लियां बिखेरीं और फिर पॉवेल को आउट कर दिल्ली की रही सही उम्मीद पर भी पानी फेर दिया.
जीत कर बैंगलोर टॉप-4 में बरकरार
दिन के पहले मैच में भी जब बैंगलोर ने पहले खेलते हुए कप्तान डुप्लेसी के अर्धशतक की बदौलत 192 रन बना डाले तो हैदराबाद के बल्लेबाज़ भी ताश के पत्तों की ढह गए. केवल तीन खिलाड़ी दहाई का स्कोर पार कर सका.
राहुल त्रिपाठी ने अर्धशतकीय पारी (37 गेंदों पर 58 रन), मरकराम ने 21 रन और निकोलस पूरन ने 19 रन बनाए तो पूरी टीम 125 रन पर आउट हो गई और बैंगलोर 67 रन से जीत गया.
यहां वानिंदु हसरंगा ने अपने चार ओवरों में हैदराबाद की आधी टीम का सफाया कर डाला. 4 ओवर में केवल 18 रन दिए. इस आईपीएल में पांच विकेटें हासिल करने वाले गेंदबाज़ बने. साथ ही हसरंगा पर्पल कैप की रेस में अब दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. उनके शीर्ष पर बैठे युज़वेंद्र चहल के 22 विकेट से सिर्फ एक पीछे 21 विकेटें हैं.
कप्तान डुप्लेसी ने नाबाद अर्धशतक (50 गेंदों पर 73 रन) तो अंतिम ओवरों में दिनेश कार्तिक ने केवल 8 गेंदों पर नाबाद 30 रन बनाए.
विराट ने फिर शून्य बनाया. यह उनका आईपीएल 2022 में 12वां मैच था, अब तक वो 5, 1, 0, 0, 9, 1 के स्कोर कर चुके हैं. यहां विराट कोहली के शून्य का विशेष ज़िक्र करना ज़रूरी है. क्योंकि जिस तरह से विराट के बल्ले से इस आईपीएल में रन निकल रहे हैं उससे रवि शास्त्री की कही गई बातें ही बार बार याद आती हैं.
प्लेऑफ़ की रेस…
सुपर संडे को आईपीएल में दो मैच खेले गए. एक बैंगलोर जीता, दूसरा चेन्नई. बैंगलोर टॉप-4 में बरकरार है. लेकिन पॉइंट टेबल पर एक बड़ा फ़र्क़ पड़ा चेन्नई के ऊपर चढ़ने से और उसका नेट रन रेट निगेटिव से पॉजिटिव होने पर. फ़र्क़ ये कि चेन्नई और धोनी के दीवानों को अब प्लेऑफ़ में पहुंचने के उम्मीद की किरणें दिखने लगी होंगी. लेकिन यह उतना आसान भी नहीं है.
वर्तमान आईपीएल चैंपियन चेन्नई को प्लेऑफ़ में पहुंचने के लिए अपने सभी तीन मैच अच्छे अंतर से जीतने होंगे. अगर वो तीनों मैच जीत जाते हैं तो उसे ये भी उम्मीद करनी होगी कि राजस्थान रॉयल्स, रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर, सनराइज़र्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स के 14 अंक से अधिक न हों. इससे तीसरे और चौथे स्थान की टीम का चयन नेट रन रेट के आधार पर होगा.
यानी चेन्नई के लिए मामला पूरी तरह से उलझा हुआ है. उसे तो बस अभी अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुंबई से (12 मई को) होने वाले अगले मुक़ाबले पर फ़ोकस करना होगा. ठीक वैसे ही, जैसा कप्तान धोनी ने कहा, “हम आगे एक बार में एक ही मैच पर ध्यान देंगे. हमारे हाथ में बस क्रिकेट का मज़ा लेना है, जो सबसे अच्छा है.”
रविवार के मुक़ाबलों से टूर्नामेंट किस ओर बढ़ रहा है उसकी तस्वीरें दिखनी शुरू हो गई हैं. कोई भी टीम जो निचले क्रम पर है वो ऊपर के क्रम की टीमों को आसानी से प्लेऑफ़ में नहीं जाने देगी, ये तो स्पष्ट हो गया. लेकिन प्लेऑफ़ में कौन पहुंचेगा, कौन बाहर रहेगा… ये फ़ैसला आने में अभी कुछ और वक़्त लगेगा.