मई-जून के महीने में भीषण गर्मी के बाद मानसून का समय राहत वाला तो होता है पर अपने साथ कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। बरसात के साथ कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां बढ़ने लगती हैं, मच्छर जनित रोगों के कारण हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस मौसम में सेहत को लेकर विशेष सावधानियां बरतते रहने की सलाह देते हैं।
डॉक्टर्स बताते हैं, मानसून के समय में कई कारणों से हमारा इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो जाता है, जिसके कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है। विशेषकर बच्चों और अधिक उम्र के लोगों के लिए यह मौसम काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
आइए मानसून में होने वाली ऐसी ही कुछ समस्याओं और उनसे बचाव के बारे में जानते हैं।
फ्लू (सर्दी और बुखार) की समस्या
बरसात के मौसम में तापमान में भारी उतार-चढ़ाव, शरीर को बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के प्रति संवेदनशील बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप सर्दी और फ्लू हो सकता है। किसी भी मौसम में बदलाव के साथ फ्लू होना बहुत सामान्य है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनमें संक्रामक रोगों का खतरा अधिक हो सकता है।फ्लू से बचाव के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना और इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।
मच्छर जनित रोगों का खतरा
मानसून के मौसम में कई प्रकार की मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है- मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया उनमें से एक हैं। बारिश में पानी जमा होने से मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल मिल जाता है, जिसके कारण इन रोगों का खतरा रहता है। जल जमाव वाले क्षेत्रों को साफ रखकर मलेरिया के प्रसार को रोका जा सकता है। इसी प्रकार डेंगू बुखार भी बहुत खतरनाक और जानलेवा हो सकती है।
टाइफाइड का बढ़ जाता है खतरा
टाइफाइड बुखार दूषित भोजन और पानी के कारण होता है, जोकि मानसून में काफी सामान्य है। यह साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है। टाइफाइड में तेज बुखार के साथ पाचन स्वास्थ्य की समस्याएं हो सकती है जिसमें उचित स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने और साथ ही साफ पानी पीने की सलाह दी जाती है। बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती रही है।
कालरा हो सकती है जानलेवा
कालरा, दूषित पानी के कारण होने वाला संक्रमण है जिसे जानलेवा दुष्प्रभावों वाला भी माना जाता है। यह आंतों में होने वाला संक्रमण है, बैक्टीरिया से दूषित जल-भोजन के कारण कालरा हो सकता है जिसमें बार-बार दस्त आने और डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। यह बच्चों में मृत्यु का प्रमुख जोखिम कारक माना जाता रहा है।कालरा किसी को भी हो सकता है, इससे बचाव के लिए साफ-उबालकर पानी पीने और भोजन की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते रहने की सलाह दी जाती है।