कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि किसान भारत की ताकत हैं और अगर हम उनकी बात सुनें और उनके दृष्टिकोण को समझें तो देश की कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि किसान भारत की ताकत हैं और अगर हम उनकी बात सुनें और उनके दृष्टिकोण को समझें तो देश की कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। गांधी ने 8 जुलाई को सोनीपत के मदीना गांव में धान के खेतों की अपनी यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया।
सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मिले धर्मेंद्र प्रधान
शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को गांधीनगर में सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने स्कूल से कौशल तक सभी क्षेत्रों में भागीदारी पर सार्थक बातचीत की।
विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने रविवार को कहा कि गुजरात के गांधीनगर में ‘कंट्रोल एंड कमांड सेंटर’ को न केवल देश के अन्य हिस्सों में, बल्कि दुनियाभर में नेतृत्व के एक मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सकता है। केंद्र को ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ भी कहा जाता है। बंगा ने अमेरिका की ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन के साथ केंद्र का दौरा किया।
चीतों की मौत के कारणों की जांच के लिए किया जा रहा परामर्श
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने रविवार को कहा कि हाल में हुई चीतों की मौत के कारणों की जांच की जा रही है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों, दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के पशु चिकित्सकों के साथ परामर्श भी किया जा रहा है। इसके अलावा स्वतंत्र राष्ट्रीय विशेषज्ञों की ओर से निगरानी प्रोटोकॉल, सुरक्षा स्थिति, प्रबंधकीय इनपुट, पशु चिकित्सा सुविधाएं, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण की समीक्षा की जा रही है।
G-20: बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर करों की हिस्सेदारी बढ़ाने का दबाव डालेगा भारत
गुजरात में सोमवार से होने वाली वित्त मंत्रियों की जी-20 बैठक में भारत समूह के अन्य सदस्यों पर कम टैक्स वाले देशों में अतिरिक्त मुनाफा कमाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर करों की हिस्सेदारी बढ़ाने का दबाव डालेगा।
भारत का मानना है कि वर्तमान व्यापारिक प्रणालियों में कंपनियों पर टैक्स से संबंधित नियम अब कारगर नहीं हैं, क्योंकि एपल या अमेजन जैसी दिग्गज डिजिटल कंपनियां कम कर वाले देशों में खूब मुनाफा वसूली कर रही हैं। 140 से अधिक देशों को पिछले साल ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर करारोपण के दशकों पुराने नियमों में बदलाव को लेकर हुए समझौते को लागू करना था। यूएस की ओर से प्रस्तावित इस मसौदे के तहत बड़ी वैश्विक कंपनियों पर न्यूनतम 15 फीसदी कर लगाया जाएगा और अतिरिक्त मुनाफे पर 25 फीसदी कर लगाया जाएगा।