राज्य सरकार और दाेषियों की याचिकाएं नौ अलग-अलग पीठों के समक्ष सुनवाई के लिए आईं। नवंबर 2022 में जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उसके बाद से मामला किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की लोकल ट्रेनों में सिलसिलेवार धमाकों को मंगलवार को 17 साल पूरे हो गए। हालांकि, निचली अदालत से 2015 में दोषी करार पांच लोगों की मौत की सजा पर बॉम्बे हाईकोर्ट में अब तक सुनवाई शुरू नहीं हो सकी है।निचली अदालत ने इन धमाकों में कुल 12 लोगों को दोषी करार दिया था। इनमें से 5 को फांसी और सात को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। एक आरोपी को बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने इसके िखलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। वहीं, दोषियों ने भी सजा के खिलाफ अपील दायर की थी।
नौ पीठें बनीं, दो जजों ने खुद अलग किया
राज्य सरकार और दाेषियों की याचिकाएं नौ अलग-अलग पीठों के समक्ष सुनवाई के लिए आईं। नवंबर 2022 में जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस पीडी नाइक ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उसके बाद से मामला किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध नहीं किया गया है।