सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग ने अखिल भारतीय महिला सम्मेलन (एआईडब्ल्यूसी) की एक प्रतिनिधि के नेपाली भाषा पर दिए गए बयान की आलोचना करते हुए उसे निराशाजनक बताया है। मुख्यमंत्री तमांग ने शुक्रवार सुबह अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर कहा कि इस प्रतिनिधि ने नेपाली भाषा को ‘गैर-भारतीय’ बताते हुए नेपाली भाषा के कलाकारों की प्रस्तुति को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाला और निराशाजनक बयान है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘नेपाली भाषा 1.5 करोड़ भारतीयों द्वारा बोली जाती है और यह भाषा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है। इस तरह के बयान से पूरे नेपाली भाषी समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।’ तमांग ने कहा है कि सिक्किम की जनता इस तरह के पीड़ादायी बयान की निंदा करती है। उन्होंने एआईडब्ल्यूसी से दखल देने का आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय महिला सम्मेलन की कार्यकारी सदस्य चंद्र प्रभा पांडे ने नेपाली भाषा को विदेशी भाषा बताते हुए ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम में नेपाली भाषी कलाकारों के प्रदर्शन को शामिल करने से मना कर दिया है। उनके इस बयान को लेकर नेपाली भाषी गोरखा समुदाय में देशभर में असंतोष है।