अटाला बवाल के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद मोहम्मद पर पुलिस को दो दिन पहले ही शक हो गया था। यही वजह थी कि नौ जून को ही उसके खिलाफ पुलिस की ओर से निरोधात्मक कार्रवाई की गई थी। करेली पुलिस ने पाबंद करते हुए उसकी चालानी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी थी। बड़ा सवाल यह है कि शक के घेरे में होने के बावजूद जावेद मोहम्मद की उचित निगरानी क्यों नहीं हुई। पुलिस के दावों को सही माना जाए तो आखिर वह कैसे इतनी बड़ी साजिश रचने में कामयाब हो गया।
शांति व्यवस्था कायम रखने में व्यवधान की आशंका में करेली पुलिस ने नौ जून को कुल चार लोगों का चालान किया। इनमें जावेद के साथ ही अनवारुल हक, नौशाद व रजत दुबे का नाम शामिल था। पुलिस की ओर बताया गया कि अभियुक्त अफवाह फैला रहे हैं और अफवाहों को प्रसारित कर धार्मिक उन्माद फैला रहे हैं। इन सभी के धार्मिक वैमनस्यता फैलाने की गतिविधियों में सक्रिय होने की भी सूचना मिली है। इनके कृत्य से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है और शांति भंग हो सकती है। नगर मजिस्ट्रेट को भेजी गई चालानी रिपोर्ट में संस्तुति की गई कि अभियुक्तों को अधिक से अधिक धनराशि के मुचलके पर पाबंद किया जाए।
अटाला बवाल के मास्टरमाइंड बताए जा रहे जावेद मोहम्मद पर पुलिस को दो दिन पहले ही शक हो गया था। यही वजह थी कि नौ जून को ही उसके खिलाफ पुलिस की ओर से निरोधात्मक कार्रवाई की गई थी। करेली पुलिस ने पाबंद करते हुए उसकी चालानी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी थी। बड़ा सवाल यह है कि शक के घेरे में होने के बावजूद जावेद मोहम्मद की उचित निगरानी क्यों नहीं हुई। पुलिस के दावों को सही माना जाए तो आखिर वह कैसे इतनी बड़ी साजिश रचने में कामयाब हो गया।
शांति व्यवस्था कायम रखने में व्यवधान की आशंका में करेली पुलिस ने नौ जून को कुल चार लोगों का चालान किया। इनमें जावेद के साथ ही अनवारुल हक, नौशाद व रजत दुबे का नाम शामिल था। पुलिस की ओर बताया गया कि अभियुक्त अफवाह फैला रहे हैं और अफवाहों को प्रसारित कर धार्मिक उन्माद फैला रहे हैं। इन सभी के धार्मिक वैमनस्यता फैलाने की गतिविधियों में सक्रिय होने की भी सूचना मिली है। इनके कृत्य से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है और शांति भंग हो सकती है। नगर मजिस्ट्रेट को भेजी गई चालानी रिपोर्ट में संस्तुति की गई कि अभियुक्तों को अधिक से अधिक धनराशि के मुचलके पर पाबंद किया जाए।