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जांजीबार में आईएनएस त्रिशूल पर हुआ विदेश मंत्री का स्वागत, बोले- भारत, शांति के लिए समर्पित

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राष्ट्रपति विनी के साथ आईएनएस त्रिशूल पर एक डेक रिसेप्शन में शिरकत की। इस दौरान जांजीबार के सभापति, मंत्री और भारतीय मूल के लोग भी मौजूद रहे।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर जांजीबार गए हुए हैं। जांजीबार में विदेश मंत्री आईएनएस त्रिशूल पर आयोजित हुए डेक रिसेप्शन में शामिल हुए। इस दौरान जांजीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली विनी भी शामिल हुए। बता दें कि आईएनएस त्रिशूल, मिसाइलों से लैस युद्धक जहाज है और वह इन दिनों जांजीबार के दौरे पर है।

विदेश मंत्री ने ट्वीट कर दी ये जानकारी
विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय दौरे पर जांजीबार बुधवार को पहुंचे। जांजीबार में विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति विनी के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘जांजीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली विनी से मिलकर खुशी हुई। वह भारत-जांजीबार की साझेदारी को मजबूत करने के प्रति समर्पित हैं। राष्ट्रपति विनी के साथ आईएनएस त्रिशूल पर एक डेक रिसेप्शन में शिरकत की। इस दौरान जांजीबार के सभापति, मंत्री और भारतीय मूल के लोग भी मौजूद रहे। जांजीबार में आईएनएस त्रिशूल की मौजूदगी भारत के सागर समर्पण का सबूत है।’

जांजीबार में भारत के मशहूर प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मद्रास का कैम्पस भी खोला जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। विदेश मंत्री ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। जांजीबार में भारत सरकार लाइन ऑफ क्रेडिट द्वारा वित्त पोषित जल आपूर्ति परियोजना का दौरा भी किया।

जयशंकर ने किदुथानी परियोजना का किया दौरा
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किदुथानी परियोजना का दौरा किया। भारत के आर्थिक समर्थन से बनने वाले इस परियोजना के जरिए जांजीबार में 30,000 घरों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा। जयशंकर ने कहा कि यह परियोजना ‘जल जीवन मिशन’ के समान है, जिसका उद्देश्य 2024 तक ग्रामीण भारत के सभी घरों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। जयशंकर ने ट्वीट किया, किदुथानी परियोजना का दौरा किया। हम जिन छह परियोजनाओं का निर्माण कर रहे हैं, वे जांजीबार के दस लाख निवासियों को पीने का पानी उपलब्ध कराएंगी। हमारे प्रयासों को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि आज पूरे अफ्रीका में भारत के कार्यों को पहचान मिली है। यह स्पष्ट रूप से लोगों के जीवन में सुधार ला रहा है।

बता दें, जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तंजानिया यात्रा के दौरान भारत और तंजानिया ने जांजीबार में जल आपूर्ति प्रणाली विकसित करने के लिए 92 मिलियन अमेरिकी डॉलर के लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

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