दरअसल, आगामी चुनाव में विपक्ष के खिलाफ मोर्चाबंदी और मजबूत करने के लिए एनडीए ने पुराने सहयोगियों को फिर साधा है। इनमें बिहार-यूपी की छोटी पार्टियां भी हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा विपक्ष को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बढ़े कुनबे की ताकत का अहसास कराना चाहती है। इसके लिए 18 जुलाई को दिल्ली के अशोका होटल में विस्तारित राजग की बैठक बुलाई गई है।
मानसून सत्र से दो दिन पहले और मोदी मंत्रिपरिषद के दूसरे कार्यकाल के तीसरे विस्तार के बाद होने वाली इस बैठक में तेलुगु देशम पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति (रामविलास), राष्ट्रीय लोक जनता दल, विकासशील इन्सान पार्टी जैसे नए सहयोगी शामिल होंगे। चिराग पासवान, चंद्रबाबू नायडू, जीतनराम मांझी फिर एनडीए में नजर आएंगे।
दरअसल, आगामी चुनाव में विपक्ष के खिलाफ मोर्चाबंदी और मजबूत करने के लिए एनडीए ने पुराने सहयोगियों को फिर साधा है। इनमें बिहार-यूपी की छोटी पार्टियां भी हैं। वहीं, शिवसेना और एनसीपी में टूट के बाद नए गुट के राजग में शामिल होने से भी गठबंधन का दायरा बढ़ा है। इस बीच, भाजपा व शिरोमणि अकाली दल ने गठजोड़ की चर्चाओं को सिरे से नकार दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रिपरिषद के साथ यूपी में भी विस्तार होगा। इसमें भाजपा के पुराने सहयोगी सुभासपा के ओपी राजभर व दारासिंह चौहान का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
विपक्ष की बैठक का जवाब
भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में जुटे विपक्षी दलों की बैठक 17 और 18 जुलाई को बंगलूरू में होगी। राजग की बैठक उसी दिन होगी जब विपक्षी दलों की बैठक का अंतिम दिन है। इसके जरिये भाजपा विपक्ष को जवाब देगी।