दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में पश्चिम क्षेत्र और मध्य क्षेत्र आमने-सामने है। यह मैच अलूर के केएससीए स्टेडियम में खेला जा रहा है। पश्चिम क्षेत्र ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं-
मध्य क्षेत्र: विवेक सिंह, हिमांशु मंत्री, अमनदीप खरे, ध्रुव जुरेल, रिंकू सिंह, उपेन्द्र यादव (विकेटकीपर), सारांश जैन, सौरभ कुमार, शिवम मावी (कप्तान), अवेश खान, यश ठाकुर।
पश्चिम क्षेत्र: पृथ्वी शॉ, प्रियांक पांचाल (कप्तान), अर्जन नागवासवाला, चिंतन गाजा, हेत पटेल (विकेटकीपर), अतीत शेठ, सरफराज खान, युवराज सिंह डोडिया, सूर्यकुमार यादव, चेतेश्वर पुजारा, धर्मेंद्रसिंह जडेजा।
पश्चिम क्षेत्र के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और सूर्यकुमार यादव इस सेमीफाइनल के जरिये राष्ट्रीय टेस्ट टीम में वापसी की कोशिश करेंगे। उनके अलावा आक्रामक बल्लेबाजों सरफराज खान और पृथ्वी शॉ भी अपने प्रदर्शन से राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।
पुजारा को वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी टेस्ट दौरे से बाहर कर दिया गया था क्योंकि वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट फाइनल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज सूर्यकुमार ने अपना एकमात्र टेस्ट इस साल फरवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। उनके अलावा घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन करने वाले सरफराज को भी वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए तरजीह नहीं दी गई।
सरफराज के वेस्टइंडीज दौरे पर चयन नहीं होने पर उठे थे सवाल
पृथ्वी ने हाल में नॉर्थंटनशायर के साथ भी करार किया है और वह इंग्लैंड की अपनी इस काउंटी टीम की ओर से तथा दलीप ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे। सरफराज उन चुनिंदा बल्लेबाजों में शामिल हैं जिन्होंने लगातार दो रणजी ट्रॉफी सत्र (2020-21, 2021-22) में 900 से अधिक रन बनाए। यहां तक कि पिछले घरेलू सत्र में उन्होंने 92.66 की औसत से रन बनाए और वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम में उनका चयन नहीं होने पर काफी सवाल उठे। लेकिन मैदान के बाहर के बर्ताव और फिटनेस के खराब स्तर ने फिलहाल भारतीय टीम में उनका रास्ता रोका हुआ है।
रिंकू सिंह और आवेश बन सकते हैं बाधा
पश्चिम क्षेत्र को अगर मैच जीतना है तो उन्हें अलीगढ़ के बल्लेबाज रिंकू सिंह और मध्य प्रदेश के तेज गेंदबाज आवेश खान से बचना होगा। दोनों ही मैच का रुख पलटने का दमखम रखते हैं। वह पश्चिम क्षेत्र की जीत की राह में बाधा बन सकते हैं।