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राज्यपाल के खिलाफ TMC ने राज्य चुनाव आयोग को लिखा पत्र, बोस बोले- जो कर रहा, सब कार्यक्षेत्र में है

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राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि मेरी यात्रा को त्रुटि खोज मिशन की बजाए तथ्य खोज मिशन के रूप में देखा जाना चाहिए। मैं हिंसा पीड़ित इलाकों का दौरा तथ्य खोजने के लिए कर रहा हूं न कि कोई दोष खोजने के लिए। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा कुछ नहीं कर रहा हूं, जो राज्यपाल के कार्यक्षेत्र से परे है।

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतान लगातार जारी है। राज्यपाल इन दिनों राज्य के उत्तरी इलाकों के दौरे पर हैं, जिससे सरकार काफी खफा है। इसी वजह से सरकार ने राज्य चुनाव आयोग में राज्यपाल के खिलाफ पत्र लिखा है। इस बीच राज्यपाल ने पंचायत चुनाव में हुई हिंसा के लिए राज्य सरकार की आलोचना की।

राज्यपाल बोले- जो कर रहा हूं, सब कार्यक्षेत्र में है
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस सोमवार को दक्षिण 24 परगना जिले के सब्जी मंडी पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों से बात की और सब्जियों के बढ़ते दामों पर बात की। राज्यपाल ने पंचायत चुनाव में हो रही हिंसा को हत्या और शक्ति प्रदर्शन की राजनीति बताया है। राज्यपाल ने कहा कि मेरी यात्रा को त्रुटि खोज मिशन की बजाए तथ्य खोज मिशन के रूप में देखा जाना चाहिए। मैं हिंसा पीड़ित इलाकों का दौरा तथ्य खोजने के लिए कर रहा हूं न कि कोई दोष खोजने के लिए। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा कुछ नहीं कर रहा हूं, जो राज्यपाल के कार्यक्षेत्र से परे है। एक दिन पहले रविवार को राज्यपाल ने टीएमसी कार्यकर्ता जियारुला मोल्ला के परिजनों से बात की। शनिवार को मोल्ला की हत्या हो गई थी। राजभवन के अनुसार, राज्यपाल कूचबिहार से वापस जाते वक्त राज्यपाल ने एक दुखियारे परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

कूचबिहार में हुई थी हिंसा
कूचबिहार जिले के दिनहाटा में मंगलवार सुबह दो पक्षों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद गोलीबारी हो गई थी। घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि, चार लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि हत्या मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है। राज्य भर में पंचायत चुनाव को लेकर जून में व्यापक हिंसाएं हुई। हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। जबकि, कई लोग घायल हैं। राज्यपाल ने हिंसा की शिकायत के लिए राजभवन में एक शांति गृह खोला है।

आठ जुलाई को पंचायत चुनाव
पश्चिम बंगाल में एक ही चरण में आठ जुलाई को ग्रामीण इलाकों में मतदान होगा। तारीखों के एलान के बाद से ही राज्य में आचार सहिंता लागू हो गई थी। 15 जून को नामांकन का अंतिम दिन था। आठ जुलाई को हुए मतदान के नतीजा का एलान 11 जुलाई को किया जाएगा। जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत चुनाव में लगभग 74 हजार उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनका फैसला राज्य के पांच करोड़ मतदाताओं के हाथों में है।

पिछले पंचायत चुनावों में भी खूब हुई हिंसा
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का इतिहास रहा है। 2013 और 2018 के पंचायत चुनाव भी अपवाद नहीं थे। 2013 में जहां पंचायत चुनाव में हिंसा के चलते 39 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2018 में 21 लोग मारे गए थे। पिछले पंचायत चुनाव में 34 प्रतिशत सीटों पर टीएमसी निर्विरोध जीती थी, साथ ही 90 प्रतिशत सीटों पर टीएमसी समर्थित उम्मीदवारों ने ही जीत दर्ज की थी।

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