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मैच में क्या हुआ? इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। स्टीव स्मिथ के 110 और डेविड वॉर्नर के 66 रन के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 416 रन बनाए। मार्नस लाबुशेन ने 47 और ट्रेविस हेड ने 77 रन का योगदान दिया। इंग्लैंड के लिए ओली रॉबिंसन और जोश टंग ने तीन-तीन विकेट लिए। जो रूट को दो विकेट मिले। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 325 रन ही बना सकी। बेन डकेट ने 98, जैक क्राउली ने 48, ओली पोप ने 42 और हैरी ब्रूक ने 50 रन का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क ने तीन विकेट लिए। हेजलवुड और ट्रेविस हेड को दो-दो विकेट मिले। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को 91 रन की बढ़त मिली। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 279 रन बनाए। उस्मान ख्वााज ने 77 और स्टीव स्मिथ ने 34 रन का योगदान दिया। इंग्लैंड के लिए स्टुअर्ट ब्रॉड ने चार विकेट लिए। जोश टंग और ओली रॉबिंसन को दो-दो विकेट मिले। चौथी पारी में इंग्लैंड के सामने 370 रन का लक्ष्य था, लेकिन यह टीम 327 रन पर सिमट गई और 43 रन से मैच हार गई। इंग्लैंड की दूसरी पारी में कप्तान बेन स्टोक्स ने 155 रन बनाए। वहीं, बेन डकेट ने 83 रन का योगदान दिया। ऑस्ट्रेलिया के लिए मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड ने तीन-तीन विकेट लिए। ग्रीन को एक विकेट मिला।

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भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने वनडे विश्व कप के लिए बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट से अनुभवी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल पर नजर रखने की सलाह दी है। चहल पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने एक भी मैच खेलने को नहीं मिला था। भारतीय टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हारकर बाहर हो गई थी। गांगुली को लगता है कि भारत के पास कुलदीप यादव और रवि बिश्नोई जैसे कुछ और अच्छे रिस्ट (कलाई) स्पिनर्स हैं, लेकिन चहल वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

गांगुली ने बताया रिस्ट स्पिनर्स का महत्व

गांगुली ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा- बिश्नोई और कुलदीप अच्छे स्पिनर्स हैं, लेकिन चहल किसी बड़े टूर्नामेंट में खेलने से चूक जाते हैं। वह क्रिकेट के छोटे प्रारूपों में लगातार बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं, चाहे वह 20 ओवर का हो या 50 ओवर का। उन पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। गांगुली ने यह भी कहा कि SENA देशों यानी साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए रिस्ट स्पिनर्स को खेलना मुश्किल लगता है। खासतौर जब मैच भारतीय कंडीशन में हो तो उनके लिए और मुश्किल खड़ी हो जाती है।

‘2011 में पीयूष चावला रहे थे एक्स-फैक्टर’

गांगुली ने कहा- जब आप ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलने उतरेंगे, तो एक रिस्ट स्पिनर इन परिस्थितियों में अंतर पैदा कर सकता है। 2011 वनडे विश्व कप में पीयूष चावला थे। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की थी। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब-जब स्पिनर्स ने वर्ल्ड कप में विकेट निकाल कर दिए हैं, तब-तब भारत ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है।

‘2007 में हरभजन ने की थी शानदार गेंदबाजी’

उन्होंने कहा, “जब हम 2007 में टी20 विश्व कप खेलने दक्षिण अफ्रीका गए थे, तो वहां भी हमारे कलाई के स्पिनरों ने तेज गेंदबाजों के साथ मिलकर अच्छी गेंदबाजी की थी। हरभजन सिंह उस टीम में थे। मुझे लगता है कि भारतीय परिस्थितियों में एक रिस्ट स्पिनर को रखना बेहद महत्वपूर्ण होगा। भारत अपने विश्व कप अभियान की शुरुआत आठ अक्तूबर को चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करेगा। वहीं, भारत-पाकिस्तान के बीच महामुकाबला 15 अक्तूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा।

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